ईश्वर की सेवा, सिनेमैटोग्राफी है इस नन की पहचान |

ईश्वर की सेवा, सिनेमैटोग्राफी है इस नन की पहचान

ईश्वर की सेवा, सिनेमैटोग्राफी है इस नन की पहचान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:48 PM IST, Published Date : May 8, 2022/1:57 pm IST

(लक्ष्मी गोपालकृष्णन)

त्रिशूर (केरल), आठ मई (भाषा) लंबी पारंपरिक पोशाक और हाथ में माला लिए नन अपने वीडियो कैमरे के साथ यहां के प्रसिद्ध वडक्कुनाथन मंदिर के विशाल मैदान में बेहकरीन एंगल और शॉट्स की तलाश में घूमती रहीं।

हालांकि, वह भगवान शिव को समर्पित मंदिर के अंदर नहीं गईं। कैथोलिक नन ने बाहर से मंदिर के चारों ओर आकर्षक दृश्यों को शूट किया और आगामी ‘‘त्रिशूर पूरम’’ पर्व के उत्साह, पूर्व की तैयारियों और जोश को बड़ी सहजता व सौम्यता के साथ कैद कर लिया।

सिस्टर लिस्मी परायिल के लिए किसी मंदिर के उत्सव पर एक वीडियो एल्बम बनाने के वास्ते कैमरा चलाना भी भगवान की सेवा का हिस्सा था, क्योंकि उनका मानना है कि वह इस पहल के जरिये धार्मिक विभाजन से परे ईश्वर की रचनाओं की सुंदरता को पेश करती हैं।

वीडियो कैमरों के प्रति गहरे जुनून ने पिछले 22 वर्षों से मदर ऑफ कार्मेल (सीएमसी) की सदस्य रहीं सिस्टर लिस्मी परायिल (37) की एक पेशेवर छायाकार के रूप में अपना करियर बनाने में मदद की है।

संगीत एल्बम, लघु फिल्मों, वृत्तचित्रों और भक्ति गीतों सहित 1,500 से अधिक पेशेवर वीडियो ने उन्हें केरल की पहली ‘छायाकार नन’ का दर्जा दिलाया, जो शायद देश में अकेली भी हैं।

इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में पहली पेशेवर नन छायाकार के रूप दर्ज सिस्टर लिस्मी ने कहा कि वह समाज में परमेश्वर की नेकी के प्रचार-प्रसार में कैमरा और प्रौद्योगिकी के लिए अपने प्यार को एक ईश्वर प्रदत्त प्रतिभा के रूप में देखती हैं।

उन्होंने अपने सपनों को पूरा करने में मदद करने और उन्हें इस काबिल बनाने के लिए सीएमसी निर्मला प्रोविंस, उनके कॉन्वेंट को तहे दिल से धन्यवाद दिया।

सिस्टर लिस्मी ने कहा, ‘‘कॉन्वेंट में शामिल होने के बाद मुझे अपनी कल्पना के अनुसार कैमरा संचालित करने का पहला मौका मिला।’’

अंग्रेजी में स्नातक लिस्मी को कलीसिया द्वारा कालीकट विश्वविद्यालय में जनसंचार और पत्रकारिता का अध्ययन करने के लिए भेजा गया था। उन्होंने बाद में कैमरा और वीडियो एडिटिंग में डिप्लोमा भी किया।

कुछ साल पहले एक यूट्यूब चैनल शुरू करने के बाद वह निर्मला मीडिया टीएसआर नाम की मंडली के लिए एक ऑनलाइन चैनल चलाती हैं। मंडलियों के लिए विभिन्न शैलियों के वीडियो आउटपुट के निर्माण और प्रबंधन के अलावा वह अब बाहर से भी पेशेवर काम स्वीकार करती हैं।

भाषा सुरभि पारुल

पारुल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)