Sugar export: नई दिल्ली। सरकार ने शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा है कि दुनिया की सबसे बड़े चीनी उत्पादक भारत से होने वाले शुगर एक्सपोर्ट पर लागू प्रतिबंध को 1 साल के लिए विस्तार दे दिया है। यानि की अगले साल अक्टूबर 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है जिसके वजह से चीनी एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लागू रहेगा। भागत ने देश से शुगर के रिकॉर्ड एक्सपोर्ट के बाद शुगर की घरेलू किमतों में आ रही तेजी पर लगाम कसने के लिए इस साल जमई के महीने में चीनी एक्सपोर्ट पर अक्टूबर 2022 कर के लिए प्रतिबंध लगा दिया था। जिसके बाद अब इसे एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है।
Sugar export: गौरतलब है कि भारत गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। जानकारी के मुताबिक देश में इस बार गन्ने की रिकॉर्ड पैदावार होने की उम्मीद है। इससे भारत के लिए 80 लाख टन शुगर के निर्यात का मौका बन सकता है। भारत में शुगर सीजन 2022-23 में 2.75 करोड़ टन चीनी की खपत का अनुमान है। इसमें से 45 लाख टन चीनी का इस्तेमाल मिल्स इथेनॉल बनाने के लिए करेंगी। इसके अलााव 60 लाख टन का चीनी को वार्षिक बचत स्टॉक के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा।
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Sugar export: चीनी के निर्यात पर लगी सीमा के आगे बढ़ने से चीनी निर्यातकों को फायदा होगा। वैश्विक बाजारों में बढ़े दाम का लाभ निर्यातकों को मिलेगा। जानकारी के मुताबिक निर्यातकों ने 2022-23 के लिए पहले ही 4 लाख टन रॉ शुगर के निर्यात के लिए सौदा कर लिया है। मौजूदा मार्केटिंग वर्ष में भारत ने चीनी के निर्यात को 1.12 करोड़ तक सीमित कर दिया है ताकि बढ़ती हुई कीमतों को काबू किया जा सके। गौरतलब है कि भारत काफी ऊंची महंगाई दर से जूझ रहा है। हाल ही में देश ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही चीनी के निर्यात पर भी लगाम कसी थी।
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Sugar export: पिछले शुगर सीजन में 1 करोड़ 9 लाख टन चीन का निर्यात हुआ था जो उससे पिछले सीजन से 57 फीसदी अधिक था। इसकी बदौलत भारत को 40,000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ था। शुगर सीजन 2021-22 के अंत में शुगर मिल्स द्वारा गन्ना किसानों को 6000 करोड़ रुपये देना बाकी रह गया था। यह तब था जब कंपनियां 1.12 लाख करोड़ रुपये किसानों को दे चुकी थीं। उस सीजन में रिकॉर्ड 5000 लाख टन गन्ने का उत्पादन हुआ था।
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Sugar export: भारत में सुगर सीजन आमतौर पर अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। वहीं, गन्ने की पिसाई का काम अक्टूबर-नवंबर में शुरू होता है और अप्रैल तक चलता है। भारत में शुगर मिल्स 80 लाख से 1 करोड़ टन के स्टॉक के साथ काम की शुरुआत करती हैं। हालांकि, इस साल इसके 60 लाख टन रहने की उम्मीद है।
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