नयी दिल्ली, 23 जून (भाषा) तमिलनाडु में जहरीली शराब त्रासदी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने रविवार को विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन पर हमला बोला और इस मुद्दे पर कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के शीर्ष नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए।
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की और कांग्रेस से कहा कि वह इस मुद्दे को सिर्फ इसलिए नजरअंदाज नहीं कर सकती क्योंकि द्रमुक उसकी सहयोगी है।
भाजपा ने यह उम्मीद भी जताई कि इस मुद्दे पर कुछ नहीं बोलने वाले विपक्षी गठबंधन के नेता संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास एकत्रित होकर और पीड़ितों के लिए मौन रखकर कम से कम पश्चाताप तो करेंगे।
सीतारमण ने कहा, ‘‘मैं इस घटना से स्तब्ध हूं और इस घटना की कड़ी निंदा करती हूं। मुझे इससे भी ज्यादा आश्चर्य इस बात पर हुआ है कि कांग्रेस पार्टी ने इस घटना के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कहां हैं? राहुल गांधी कहां हैं? क्या उन्हें तमिलनाडु के लोगों के प्रति कोई सहानुभूति या परवाह नहीं है? क्या उन्हें तमिलनाडु के अनुसूचित जातियों की कोई परवाह नहीं है?’’
कांग्रेस पर उत्तर और दक्षिण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि वे दक्षिण के वोटों की बात करते हैं और वहां इसलिए चुनाव लड़ते हैं क्योंकि उन्हें भरोसा है कि वे जीत जाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन, आज जब तमिलनाडु में उनके गठबंधन सहयोगी, द्रुमक शासित सरकार ने नकली शराब की वजह से दलितों की मौत पर आंखें मूंद लीं तो मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी दोनों की तरफ से कोई बयान नहीं आया।’’
सीतारमण ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रमुक का राज्य में जहरीली शराब बेचने वालों की मदद करने में हाथ है।
उन्होंने कहा, ‘‘अगर राज्य सरकार इसकी जांच करेगी तो मामला रफा-दफा करने का प्रयास किया जाएगा। इसलिए मैं मांग करती हूं कि इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी जानी चाहिए और इसके पीछे जो लोग हैं, उन्हें गिरफ्तार करने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।’’
सीतारमण ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने इस मुद्दे से निपटने में ‘‘पूरी तरह से अक्षमता’’ दिखाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले में विधानसभा में भी चर्चा की अनुमति नहीं दी है।
उन्होंने कहा, ‘‘जिस राज्य में शराब बंदी जैसी व्यवस्था नहीं है, जहां तमिलनाडु सरकार द्वारा संचालित लाइसेंसी दुकानों से शराब मिलती है, जिसे ‘तस्माक’ कहते हैं। उसके बावजूद शहर के बीचों-बीच कल्लाकुरिची में लोगों को अवैध शराब और रासायनिक शराब वितरित की जाती है, जिसे पीने से 56 लोगों की मौत हो जाती है। सभी गरीब अनुसूचित जाति परिवार से हैं।’’
भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन की भी आलोचना की और उनसे यह स्पष्ट करने को कहा कि क्या राज्य के कल्लाकुरिची जिले में हुई इस घटना में उनकी ‘‘मिलीभगत’’ है।
उन्होंने कहा, ‘‘56 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है… कई अभी भी गंभीर हैं। जहरीली शराब पीने से मरने वालों में 40 से अधिक दलित थे। यह राज्य प्रायोजित हत्या है और मुझे आश्चर्य है कि कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाद्रा और सोनिया गांधी, द्रमुक के नेता और ‘इंडिया’ गठबंधन के अन्य घटक इस पर चुप हैं।’’
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि वे इस मुद्दे पर चुप हैं क्योंकि उन्हें इसमें राजनीतिक लाभ नहीं दिखता है।
पात्रा ने कहा, ‘‘जब कल से संसद सत्र शुरू होगा तो मुझे उम्मीद है कि ‘इंडिया’ गठबंधन के नेता महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास जाएंगे और बांहों पर काली पट्टी बांधकर मौन धारण करेंगे और त्रासदी में लोगों की मौत का पश्चाताप करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी अवैध शराब के खिलाफ थे। गांधीजी की प्रतिमा आपका इंतजार कर रही है, उनके सिद्धांत आपका इंतजार कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री स्टालिन पर निशाना साधते हुए पात्रा ने उनकी सरकार और द्रमुक नेताओं पर जहरीली शराब त्रासदी में मिलीभगत का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘‘अपने पहले बयान में जिला कलेक्टर ने शुरू में इस बात से इनकार किया था कि लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है। उन्हें ऐसा करने के लिए कहा गया क्योंकि विधानसभा सत्र अगले ही दिन शुरू होने वाला था।’’
उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी के इनकार के कारण, जिन लोगों के पास नकली शराब का भंडारण था, वे इसका सेवन करते रहे और अगले दिन 12 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाया, ‘‘निश्चित तौर पर इसमें तमिलनाडु सरकार की मिलीभगत है। मुख्यमंत्री का व्यवहार देखिए। मैं हैरान हूं कि इतनी बड़ी त्रासदी ने राज्य को दहला दिया है, फिर भी मुख्यमंत्री वहां गए नहीं हैं। जब तक मैं यह संवाददाता सम्मेलन करने के लिए आया, उन्होंने (स्टालिन) मारे गए लोगों के शोक संतप्त परिवार के सदस्यों से मुलाकात नहीं की।’’
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘क्या मुख्यमंत्री को इस मामले पर बयान नहीं देना चाहिए।’’
भाषा ब्रजेन्द्र शफीक
शफीक
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