छत्रपति संभाजीनगर (महाराष्ट्र), 16 मई (भाषा) महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में 52 साल पहले जायकवाडी बांध के निर्माण के दौरान तोड़े गए 14वीं शताब्दी के शिव मंदिर का पुन:निर्माण कराया जाएगा। महाराष्ट्र पुरातत्व विभाग के एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारी ने दावा किया कि राज्य में पहली बार इस तरह किसी धार्मिक स्थल की बहाली का प्रयास किया जा रहा है।
जिले (तब औरंगाबाद के नाम से जाना जाता था) की पैठण तहसील के शेवता और सवखेड़ा गांवों में स्थित दो प्राचीन मंदिरों को 1972 में तोड़ दिया गया था क्योंकि बांध का निर्माण पूरा होने के बाद यह क्षेत्र पानी में समा जाता।
अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पत्थरों को यहां लाकर संरक्षित कर लिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘शेवता में जो मंदिर था उसे यहां सोनेरी महल (एक ऐतिहासिक महल जिसमें अब पुरातत्व विभाग का कार्यालय है) के पास एक पहाड़ी पर स्थापित किया जाएगा। पत्थरों की गिनती पहले ही हो चुकी है और हम उसी आधार पर मंदिर का पुन:निर्माण करेंगे।’’
अधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार ने परियोजना के लिए 3.53 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं और काम दो-तीन महीने में शुरू हो जाएगा।
मूल मंदिर ‘हेमाडपंती’ शैली में बनाए गए थे जो मध्यकालीन युग में महाराष्ट्र में आम थी।
भाषा खारी रंजन
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