हजारों किसानों ने करनाल सचिवालय की ओर मार्च किया, प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें छोड़ी गयी |

हजारों किसानों ने करनाल सचिवालय की ओर मार्च किया, प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें छोड़ी गयी

हजारों किसानों ने करनाल सचिवालय की ओर मार्च किया, प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें छोड़ी गयी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : September 7, 2021/8:28 pm IST

करनाल (हरियाणा), सात सितंबर (भाषा) पिछले महीने हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कार्रवाई की मांग कर रहे हजारों किसानों ने मंगलवार को जिला सचिवालय परिसर की ओर मार्च किया और पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछारें छोड़ी।

किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों पर 28 अगस्त को करनाल में हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी और ऐसा नहीं होने पर उन्होंने मिनी सचिवालय का घेराव करने की धमकी दी थी।

स्वराज इंडिया के प्रमुख योगेंद्र यादव ने दावा किया कि महापंचायत स्थल से पांच किलोमीटर दूर सचिवालय तक मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों ने वहां घेराव शुरू कर दिया था।

इससे पहले सुबह किसान ट्रैक्टरों और मोटरसाइकिलों पर सवार होकर नयी अनाज मंडी में महापंचायत के लिए पहुंचे। उनके यहां एकत्र होने के बीच स्थानीय प्रशासन ने उनकी मांगों पर चर्चा करने तथा उन्हें सचिवालय की ओर मार्च करने से रोकने के लिए उनके 11 नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए बुलाया था।

वरिष्ठ किसान नेता जोगिंदर सिंह उग्राहन ने करीब तीन घंटे बाद कहा, ‘प्रशासन के साथ हमारी बातचीत नाकाम हो गयी क्योंकि वे हमारी मांगों पर सहमत नहीं थे।’

उसके बाद किसान संगठनों के नेताओं ने महापंचायत में बड़ी संख्या में मौजूद लोगों से मिनी सचिवालय की ओर शांतिपूर्वक मार्च करने का आग्रह किया जो वहां से करीब पांच किलोमीटर दूर है। नेताओं ने किसानों से कहा कि वे पुलिसकर्मियों के साथ किसी भी तरह का टकराव न करें और जहां भी उन्हें रोका जाए, वे विरोध में वहीं बैठ जाएं।

इसके बाद हजारों प्रदर्शनकारी किसान संगठनों का झंडा लेकर सचिवालय की ओर चल पड़े। रास्ते में कई बैरिकेड लगाए गए थे।

इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के उस अधिकारी को निलंबित करने की मांग की थी, जिन्होंने कथित तौर पर पुलिसकर्मियों से प्रदर्शन कर रहे किसानों का ‘‘सिर फोड़ने’’ को कहा था।

महापंचायत के लिए राकेश टिकैत, बलबीर सिंह राजेवाल, दर्शन पाल, योगेंद्र यादव, उग्राहन और गुरनाम सिंह चढूनी सहित संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के कई वरिष्ठ नेता करनाल पहुंचे। कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में एक विशाल महापंचायत का आयोजन किया गया था।

पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान कई महीनों से केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। उनका दावा है कि इस कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली समाप्त हो जाएगी।

उपायुक्त निशांत कुमार यादव, पुलिस महानिरीक्षक ममता सिंह और पुलिस अधीक्षक गंगा राम पुनिया सहित अन्य अधिकारियों ने किसान नेताओं के साथ हुयी बातचीत में भाग लिया।

इससे पहले महापंचायत को संबोधित करते हुए योगेंद्र यादव ने कहा, ‘हम सरकार से यह सवाल करने आए हैं कि कौन संविधान, कौन कानून किसी आईएएस अधिकारी को किसानों के सिर फोड़ने का आदेश देने की अनुमति देता है… किस कानून के तहत पुलिस को बर्बर लाठीचार्ज करने की अनुमति है, जिसकी वजह से एक व्यक्ति की मौत हो गयी और कई अन्य घायल हो गए।’

हालांकि, अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया है कि 28 अगस्त को हुई हिंसा में किसी किसान की मौत हुई है।

किसानों की महापंचायत के मद्देनजर करनाल में सुरक्षा-व्यवस्था कड़ी की गई है। करनाल में हरियाणा पुलिस के साथ ही बड़ी संख्या में केन्द्रीय बलों के कर्मी भी तैनात किए गए हैं। हरियाणा सरकार ने करनाल और पास के चार जिलों में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर 12:30 बजे से लेकर मंगलवार मध्य रात्रि तक बंद रखने का आदेश दिया है।

भाषा

अविनाश पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)