नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार दोबारा सत्ता में आने के बाद अपना पहला बजट शुक्रवार को पेश करेगी। आम बजट से पहले गुरुवार को सरकार ने आर्थिक सर्वे सदन के पटल पर रखा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में आर्थिक सर्वे पेश किया। आम बजट से पहले देश की वास्तविक स्थित को पेश करना सत्ता पक्ष का दायित्व होता है। आर्थिक सर्वे में बीते 12 महीने के दौरान देश ने किस गति से विकास किया, विभिन्न योजनाओं की क्या स्थिति रही। वित्त मंत्री को इस बारे में विस्तार से बताना होता है। आर्थिक सर्वे में वित्त वर्ष 2019-20 में देश की विकास की गति 7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। बता दें कि 2018-19 में सकल घरेलू उत्पाद यानि GDP की वृद्धि दर पांच साल के न्यूनतम स्तर 6.8 प्रतिशत रही थी। 7 फीसदी ग्रोथ का मतलब है कि भारत दुनिया में सबसे तेज गति से आगे बढ़ता रहेगा। आर्थिक सर्वे में ग्लोबल ग्रोथ के कम रहने की भी संभावना जताई गई है।
Economic Survey 2018-19: General fiscal deficit pegged at 5.8 pc in FY19
Read @ANI story | https://t.co/awpA6yiyXy pic.twitter.com/RVSujYRLtD
— ANI Digital (@ani_digital) July 4, 2019
ये भी पढ़ें- 9 दिनों तक चलने वाली भगवान जगन्नाथ यात्रा की आज से शुरुआत, इस रथ या…
आर्थिक सर्वे में वृद्धि के लिए बेहतर संभावनाओं की भविष्यवाणी भी की गई है। वित्त मंत्री सीतारणण ने देश को 2024-25 तक 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए सकल घरेलू उत्पाद यानि GDP की वृद्धि दर को निरंतर 8 प्रतिशत पर रखने की जरूरत बताई है। सदन के पटल पर रखे गए आर्थिक सर्वे के मुताबिक साल 2024-25 तक भारत को 5,000 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लक्ष्य को हासिल करने के लिए ‘भारत को अपनी वास्तविक वृद्धि दर को 8 प्रतिशत पर बनाए रखने की आवश्यकता होगी। समीक्षा में सलाह दी गई है कि मांग, नौकरियों, निर्यात की विभिन्न आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए इन्हें अलग समस्याओं के रूप में नहीं, बल्कि एक साथ जोड़कर देखा जाना चाहिए। आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारत का औसत ग्रोथ रेट 2015-15, 2017-18 में न केवल चीन से बल्कि कई बड़ी आर्थिक इकनॉमी से भी ज्यादा रहा था।
ये भी पढ़ें- मोदी सरकार 34 बाद एक बार फिर जनता की झोली में डाल सकती है इस टैक्स …
राजकोषीय घाटा अनुमान से अधिक
देश का राजकोषीय घाटा अनुमान से अधिक है। 2018-19 में राजकोषीय घाटा 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है। 2018 में यह 6.4% था। इसका संशोधित बजट अनुमान 3.4 प्रतिशत का था। देश की आय की तुलना में ज्यादा खर्च के अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता हैं।
ये भी पढ़ें- कांग्रेस के अंतरिम राष्ट्रीय अध्यक्ष होंगे मोतीलाल वोरा, कहा- मुझे …
कर संग्रहण पर रिपोर्ट आर्थिक सर्वे में बताया गया है कि कर संग्रहण में 13.4 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जबकि कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन भी बहुत बेहतर हुआ है। हालांकि अप्रत्यक्ष कर संग्रहण में बजट अनुमान 16 प्रतिशत की तुलना में कमी आई है। इसका कराण GST के राजस्व में कमी होना प्रमुख वजह है।
Economic Survey stresses reducing economic policy uncertainty
Read @ANI story | https://t.co/sYLqL4cXI2 pic.twitter.com/8nPBrx3QpR
— ANI Digital (@ani_digital) July 4, 2019
ये भी पढ़ें- मुंबई में बारिश के चलते रनवे पर फिसला विमान, बाल-बाल बचे लोग, 52 फ्…
तेल की कीमतों में कमी के आसार वित्त मंत्री के द्वरा पेश किए गए आर्थिक सर्वे में उम्मीद के विपरीत आने वाले दिनों तेल कीमतों में गिरावट का अनुमान जताया गया है। सर्वे के मुताबिक तेल कीमतों में 2019-20 में गिरावट हो सकती है।
ये भी पढ़ें- बारिश के मौसम में रहें अलर्ट, बिजली के खंभे को छूते ही लड़की के साथ…
गंभीर समस्या बनेगा जल संकट आर्थिक सर्वे में भविष्य में जल संकट की ओर गंभीर इशारा किया गया है। 2050 तक भारत में जल संकट एक बड़ी समस्या होगी। सर्वे में कहा गया है कि सिंचाई जल पर तुरंत विचार करने की जरूरत है ताकि कृषि की उत्पादकता बढ़ सके।
यातायात के शोर से बढ़ सकता है हृदय रोग का…
2 hours ago