दंतेवाड़ा: कभी इस जिले की पहचान नक्सलियों के गढ़ के रूप में थी लेकिन अब दंतेवाड़ा को दुनियाभर में गारमेंट हब के तौर पर जाना जाता है। मां दंतेश्वरी की इस नगरी को नई पहचान दी है दंतेवाड़ा नेक्सट यानी डेनेक्स ने। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जिले की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 31 जनवरी 2021 को हारम में नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री का उद्घाटन किया। इसके बाद यहां की महिलाओं ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज डेनेक्स गारमेंट फैक्ट्री की शाखाएं बारसूर, कटेकल्याण और कारली में भी हैं, जहां साढ़े सात सौ से ज्यादा महिलाएं काम करती हैं। सूबे के मुखिया की इस पहल से न केवल जिले की महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरी बल्कि नक्सलवाद के दाग से भी मुक्ति मिल गई। वाकई ब्रांड डेनेक्स दंतेवाड़ा के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं।
बता दें की दंतेवाडा की पहचान अब मां दंतेश्वरी की नगरी के साथ ही डैनेक्स के नाम से भी होने लगी है। यहां शासन और जिला प्रषासन के सहयोग से डैनेक्स गारमेंट फैक्ट्री की स्थापना की गयी है। इसका लाभ जिले की असहाय और गरीब महिलाओं को मिल रहा है। यहां रोजगार कर वे अपनी आर्थिक स्थिति सुदृढ करने लगी हैं। यही वजह है कि डेनेक्स में काम करने वाली महिलाएं शासन प्रशासन की तारीफ करते नहीं थक रहीं।
Read more : फिर उठा सर्जिकल स्ट्राइक का मुद्दा, कांग्रेस के दिग्गज नेता ने उठाए पीएम मोदी पर सवाल, कही ये बड़ी बात
अपने में असीम संभावनाओं को समेटे हुए, भरपूर वनोपज संसाधनों, प्राकृतिक सौंदर्य, आदिवासी संस्कृतियों को समाहित किए दंतेवाड़ा आज किसी पहचान का मोहताज नहीं है। इसे यह पहचान मिली है, अपनी सामूहिक सहभागिता के साथ जिले का विकास करने से। आज दन्तेवाड़ा जिले का जिक्र आते ही अब सबसे पहले डेनेक्स का नाम आता है। इस डैनेक्स गारमेंट फैक्ट्री में आज सात सौ से ज्यादा महिलाएं काम कर रही हैं। जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी सुधरने लगी है। महिलाएं बताती हैं कि उनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं था, ऐसे में डैनेक्स गारमेंट फैक्ट्री उनके लिये किसी वरदान से कम साबित नहीं हो रही। जिला प्रषासन की माने तो प्रदेष सरकार के दिषा निर्देषानुसार गरीबी उन्मूलन एवं महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते इस योजना की शुरूआत की गयी है। शुरूआत में इस फैक्ट्री में कम महिलाएं ही काम करने आ रही थीं लेकिन इसके फायदे जानकर दूसरी महिलाएं भी अब इस फैक्ट्री में काम करने पहुंच रहीं है। जिला प्रषासन ने ने गरीब उन्मूलन के लिए बकायदा कार्ययोजना तैयार की है, जिस पर आलाकमान के स्वीकृति की मुहर भी लग गई है।
Read more : सर्जिकल स्ट्राइक पर दिग्विजय सिंह ने फिर उठाया सवाल, बोले— बात करते हैं लेकिन प्रमाण कुछ नहीं’
सबसे पहले कार्ययोजनानुसार लोगों के आजीविका वर्धन हेतु जिले में उत्पादों को बाजार दिलाने के साथ ही लोगों को प्रशिक्षित कर उनका कौशल उन्नयन करने जिला प्रषासन ने लक्ष्य तय किया। डेनेक्स ब्रांड के उत्पादन एवं उनके विक्रय से यहां के निवासियों के आर्थिक स्तर में सुधार होने लगा है। दन्तेवाड़ा जिले को अब गारमेंट हब के नाम से जाना जा रहा है, डेनेक्स के नाम से कपड़े की फैक्ट्री हारम और बारसूर में स्थापित की जा चुकी है। इसके साथ ही कटेकल्याण और कारली में भी इसकी शाखा शुरू की जा चुकी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा दन्तेवाड़ा जिले में बेरोजगार महिलाओं को रोजगार प्रदाय करने के उद्देश्य से नवा दन्तेवाड़ा गारमेन्ट फैक्ट्री यूनिट हारम का शुभारंभ 31 जनवरी 2021 को मुख्यमंत्र भूपेश बघेल द्वारा किया गया। जिसमें दन्तेवाड़ा जिले का गारमेन्ट के क्षेत्र में स्वयं का ‘‘डेनेक्स’’ ब्राण्ड के नाम से कपड़ा उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया गया है। अब तक 500 से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला है। चारों डेनेक्स में 1200 परिवारों को रोजगार देने का लक्ष्य है। वर्तमान में चारों यूनिट में लगभग साढे सात सौ महिलाएं काम कर रही हैं।
Read more : इस दिन आएगा सलमान की नई फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’का टीजर
डैनेक्स गारमेंट फैक्ट्री जिले की असहाय गरीब महिलाओं के वरदान साबित होने लगी है। इस गारमेंट फैक्ट्री से न केवल महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि नक्सलवाद पर भी अंकुश लग सकेगा और क्षेत्र के विकास में ये सहयोगी भी सिद्ध होगा।