Morena Lok Sabha Election 2024 : 28 साल से है भाजपा का दबदबा, क्या इस बार कांग्रेस रोक पाएगी विजय रथ? कुछ ऐसा है मुरैना का सियासी समीकरण | Morena Lok Sabha Seat Ka Siyasi Samikaran

Morena Lok Sabha Election 2024 : 28 साल से है भाजपा का दबदबा, क्या इस बार कांग्रेस रोक पाएगी विजय रथ? कुछ ऐसा है मुरैना का सियासी समीकरण

Morena Lok Sabha Election 2024 : आइये समझते हैं चंबल की मुरैना लोकसभा सीट के समीकरण और इतिहास। मुरैना लोकसभा सीट पर

Edited By :   Modified Date:  May 5, 2024 / 02:13 PM IST, Published Date : May 5, 2024/2:13 pm IST

मुरैना : Morena Lok Sabha Election 2024 : देश भर में लोकसभा चुनाव का माहौल बना हुआ है। दो चरणों पर मतदान हो चूका हैं और तीसरे चरण के लिए 7 मई को मतदान होना है। 7 मई को मध्य प्रदेश की मुरैना लोकसभा सीट पर भी मतदान होना है। बीजेपी 2019 में 28 सीटें जीतने के बाद इस बार 29 सीट के लिए प्लान बना रही है। तो वहीं विधानसभा की रिकवरी के लिए कांग्रेस ने पूरा जोर लगा दिया है। आइये समझते हैं चंबल की मुरैना लोकसभा सीट के समीकरण और इतिहास।

मुरैना लोकसभा सीट पर पिछले 28 साल से बीजेपी का कब्जा है। मुरैना में बीजेपी को 8 बार जीत मिली है, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवारों को 6 बार जीत हासिल हुई है। इस सीट पर 7 मई को वोट डाले जाएंगे। जबकि 4 जून को नतीजे आएंगे. इस सीट पर ब्राह्मण और राजपूत वोटर्स का दबदबा है।

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इन प्रत्याशियों के बीच है मुकाबले

भाजपा ने इस बार मौजूदा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की जगह शिवमंगल सिंह तोमर को मैदान में उतारा है। आपको बता दें कि नरेंद्र सिंह तोमर को विधानसभा का अध्यक्ष बना दिया गया है। जबकि कांग्रेस ने सत्यपाल सिंह सिकरवार को मैदान में उतारा है। बीएसपी ने भी इस सीट पर अपना उम्मीदवार उतारा है। बीएसपी ने रमेश चंद गर्ग को मैदान में उतारा है।

ये होंगे चुनाव के प्रमुख मुद्दे

Morena Lok Sabha Election 2024 :  इस बार के लोकसभा चुनाव में चंबल से पानी लाने का मुद्दा मुख्य रूप से सामने आया है। हर चुनाव में यह मुद्दा उठता है, लेकिन अभी तक चंबल से पानी मुरैना की जनता को पीने को नहीं मिला। आदिवासी इलाके में भी पेयजल की सबसे बड़ी समस्या है। बेरोजगारी मुरैना संसदीय सीट पर सबसे अधिक है यहां का बेरोजगार युवा देश के अन्य राज्यों में जाकर मजदूरी कर रहा है। 10 साल में कोई भी बड़ा उद्योग मुरैना जिले को नहीं मिला। बानमोर और सीतापुर इंडस्ट्री एरिया पूरी तरह से बंद पड़ा है। एक दो छोटी इंडस्ट्री लगी हुई है लेकिन वहां पर भी संसदीय क्षेत्र के युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। कांग्रेस लगातार बेरोजगारी भ्रष्टाचार और विकास को मुद्दा बना रही है।

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2019 में हुए आम चुनाव के नतीजे

साल 2019 आम चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह तोमर ने कांग्रेस उम्मीदवार रामनिवास रावत को एक लाख 13 हजार 981 वोटों से हराया था। नरेंद्र सिंह तोमर को 5 लाख 41 हजार 689 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 4 लाख 28 हजार 348 वोट हासिल हुए थे। बीएसपी उम्मीदवार करतार सिंह भड़ाना को एक लाख 29 हजार 380 वोट मिले थे। जबकि नोटा पर 2 हजार 98 लोगों ने बटन दबाया था।

क्या कहता है मुरैना सीट का इतिहास

Morena Lok Sabha Election 2024 :  मुरैना लोकसभा सीट पर पहली बार साल 1952 आम चुनाव में वोट डाले गए थे। उस चुनाव में कांग्रेस के राधाचरण शर्मा ने जीत हासिल की थी। राधाचरण शर्मा ने साल 1957 आम चुनाव में भी कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए थे। लेकिन साल 1962 आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर सूरज प्रसाद सांसद चुने गए। साल 1967 आम चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार आत्मदास ने जीत दर्ज की।

साल 1971 चुनाव में भारतीय जनसंघ के हुकुमचंद कछवाई सांसद चुने गए। आपातकाल के बाद साल 1977 आम चुनाव में छविराम अर्गल जनता पार्टी के टिकट पर सांसद बने। लेकिन साल 1980 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने वापसी की और बाबूलाल सोलंकी सांसद चुने गए। साल 1984 चुनाव में कांग्रेस के कम्मोदीलाल जाटव ने जीत हासिल की।

मुरैना लोकसभा सीट पर बीजेपी को पहली बार साल 1989 में जीत हासिल हुई। बीजेपी के छविराम अर्गल सांसद चुने गए. लेकिन साल 1981 आम चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर बारेलाल जाटव सांसद चुने गए। साल 1996 आम चुनाव में बीजेपी के अशोक अर्गल सांसद चुने गए। इसके बाद उन्होंने साल 1998, साल 1999 और साल 2004 चुनाव में फिर से सांसद चुने गए। साल 2009 आम चुनाव में बीजेपी ने नरेंद्र सिंह तोमर को मैदान में उतारा और उन्होंने जीत हासिल की। लेकिन 2014 आम चुनाव में पार्टी ने उम्मीदवार बदल दिया और अनूप मिश्रा सांसद चुने गए. साल 2019 आम चुनाव में फिर से नरेंद्र सिंह तोमर सांसद चुने गए।

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ऐसा है 8 विधानसभा सीटों का गणित

Morena Lok Sabha Election 2024 :  मुरैना लोकसभा सीट के तहत 8 विधानसभाएं आती हैं. इसमें श्योपुर जिले की श्योपुर और विजयपुर विधानसभा सीटें शामिल है, जबकि मुरैना जिले की सबलगढ़, जोउरा, सुमावली, मुरैना, दिमनी और अंबाह विधानसभा सीटें शामिल हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस को 5 सीटों श्योपुर, विजयपुर, जोउरा, मुरैना और अंबाह पर जीत मिली है। जबकि सबलगढ़, सुमावली और दिमनी में बीजेपी को जीत मिली है। श्योपुर से बाबू जंडेल, विजयपुर से रामनिवास रावत, सबलगढ़ से सरला वीरेंद्र रावत, जोउरा से पंकज उपाध्याय, सुमावली से अदल सिंह कंसाना, मुरैना से दिनेश गुर्जर, दिमनी से नरेंद्र सिंह तोमर और अंबाह से देवेंद्र सखवार विधायक हैं।

मुरैना सीट का जातीय समीकरण

मुरैना लोकसभा सीट पर ब्राह्मण और राजपूत का दबदबा है। दोनों जातियों में सियासी लड़ाई रहती है। इस सीट पर सवर्ण वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस सीट पर ब्राह्मण वोटर्स की संख्या करीब 2 लाख है। जबकि राजपूत वोटर्स की संख्या भी करीब 2 लाख है। इस सीट पर दलित वोटर्स 2.75 लाख हैं। जबकि वैश्य वोटर्स की संख्या सवा लाख है। इस सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या 80 से 90 हजार के आसपास है।

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