इंदौर में हत्या के प्रयास मामले में कांग्रेस के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी को मिली अग्रिम जमानत |

इंदौर में हत्या के प्रयास मामले में कांग्रेस के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी को मिली अग्रिम जमानत

इंदौर में हत्या के प्रयास मामले में कांग्रेस के पूर्व लोकसभा प्रत्याशी को मिली अग्रिम जमानत

:   Modified Date:  May 29, 2024 / 01:14 PM IST, Published Date : May 29, 2024/1:14 pm IST

इंदौर, 29 मई (भाषा) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जमीन विवाद में एक किसान की हत्या के कथित प्रयास के 17 साल पुराने मामले में इंदौर के कारोबारी अक्षय कांति बम और उनके पिता की अग्रिम जमानत याचिका बुधवार को मंजूर कर ली।

पिता-पुत्र को इस आदेश से बड़ी राहत मिली क्योंकि निचली अदालत के 19 दिन पहले जारी वॉरंट के चलते उन पर इस मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी।

बम 29 अप्रैल को उस वक्त चर्चा में आए थे, जब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में इंदौर लोकसभा सीट से ऐन मौके पर अपना पर्चा वापस लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया था। उनके इस पालाबदल से कांग्रेस इस सीट के 72 साल के इतिहास में पहली बार चुनावी दौड़ से बाहर हो गई थी।

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति प्रेमनारायण सिंह ने सभी संबद्ध पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बम (46) और उनके पिता कांतिलाल (75) को अग्रिम जमानत दे दी।

पिता-पुत्र ने उच्च न्यायालय में नौ मई को याचिका दायर करते हुए अग्रिम जमानत की गुहार की थी, लेकिन वकीलों के निवेदन के चलते इस याचिका पर 17 मई और 24 मई की दो पिछली तारीखों पर सुनवाई आगे बढ़ा दी गई थी।

इंदौर की एक सत्र अदालत ने बम और उनके पिता के खिलाफ 10 मई को गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया था, लेकिन पिता-पुत्र को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी।

बचाव पक्ष के वकील अजय मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब 2007 में किसान युनूस पटेल ने बम और उनके पिता के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, तब उन्होंने खुद पर गोलीबारी की कोई बात नहीं की थी। प्राथमिकी दर्ज किए जाने के 17 साल के लम्बे अंतराल के बाद पटेल ने जिला अदालत में अर्जी दायर करके खुद पर गोलीबारी का आरोप लगाया जिसके बाद अदालत ने इस प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ने का आदेश दिया।’’

उन्होंने बताया कि पिता-पुत्र की अग्रिम जमानत याचिका पर बहस के दौरान पटेल द्वारा यह आरोप लगाने में की गई देरी की ओर उच्च न्यायालय का ध्यान खींचा गया।

मिश्रा ने बताया, ‘‘हमने उच्च न्यायालय से यह भी कहा कि बम और उनके पिता की शहर में कई चल-अचल संपत्तियां हैं और ऐसे में उनके फरार होने की कोई संभावना नहीं है।’’

शहर के एक प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) ने बम और उनके पिता के खिलाफ जमीन विवाद को लेकर 17 साल पहले दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड विधान की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़े जाने का आदेश 24 अप्रैल को दिया था।

जेएमएफसी ने पिता-पुत्र को सत्र अदालत के सामने 10 मई को पेश होने का आदेश भी दिया था।

किसान यूनुस पटेल के वकील मुकेश देवल ने बताया कि बम और उनके पिता की अग्रिम जमानत याचिका पर उच्च न्यायालय में आपत्ति जताते हुए उनकी ओर से कहा गया कि पिता-पुत्र ने जेएमएफसी के आदेश के बावजूद सत्र अदालत के सामने 10 मई को हाजिर होना मुनासिब नहीं समझा जिसके बाद दोनों के खिलाफ गिरफ्तारी वॉरंट जारी किया गया।

देवल ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी अक्षय कांति बम को 10 मई को प्रदेश सरकार के एक मंत्री का कथित तौर पर जन्मदिन मनाते देखा गया।

पुलिस ने बताया कि बम, उनके पिता कांतिलाल और अन्य लोगों के खिलाफ पटेल पर चार अक्टूबर 2007 को जमीन विवाद में हमले के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

पटेल का आरोप है कि हमले के दौरान एक सुरक्षा एजेंसी के संचालक सतवीर सिंह ने अक्षय के पिता कांतिलाल के कहने पर उन पर 12 बोर की बंदूक से गोली भी दागी थी। गोलीबारी के आरोपी सतवीर सिंह की मृत्यु हो चुकी है।

भाषा हर्ष

मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)