इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों के लिए तय ‘‘फौजियों जैसी वर्दी’’ विवाद के बाद वापस ली गई |

इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों के लिए तय ‘‘फौजियों जैसी वर्दी’’ विवाद के बाद वापस ली गई

इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों के लिए तय ‘‘फौजियों जैसी वर्दी’’ विवाद के बाद वापस ली गई

:   Modified Date:  May 16, 2024 / 09:20 PM IST, Published Date : May 16, 2024/9:20 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), 16 मई (भाषा) इंदौर नगर निगम (आईएमसी) द्वारा अपने अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए नयी वर्दी के चयन पर विवाद के बाद शहरी निकाय के प्रशासन ने बृहस्पतिवार को इस पोशाक में बदलाव का फैसला किया।

अधिकारियों ने बताया कि आईएमसी के अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए ‘‘कैमोफ्लॉज’’ वर्दी का चयन किया गया था।

कांग्रेस ने इस पहनावे को ‘‘फौजियों जैसी वर्दी’’ करार देते हुए आरोप लगाया था कि आईएमसी के अतिक्रमण रोधी दस्ते के ‘भ्रष्ट’ कर्मचारियों के यह वर्दी पहनने से सेना का अपमान हो रहा है।

महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने एक बयान में कहा,‘‘आईएमसी ने अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों में अनुशासन और उनके पहनावे में एकरूपता के लिए उनके वास्ते विशेष वर्दी तय की थी। अगर इस वर्दी से किसी व्यक्ति की भावना जाने-अनजाने में आहत हो रही है, तो वर्दी में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।’’

आईएमसी में प्रतिपक्ष के नेता चिंटू चौकसे ने इस वर्दी पर कड़ी आपत्ति जताई थी। उन्होंने बुधवार को कहा था,’आईएमसी प्रशासन ने अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों के लिए फौजियों जैसी वर्दी चुनकर सेना का अपमान किया है। ये कर्मचारी ठेलों और रेहड़ी वालों से अवैध वसूली के लिए बदनाम हैं।’

चौकसे ने यह भी कहा था कि अतिक्रमण रोधी दस्ते के कर्मचारियों का ‘फौजियों जैसी वर्दी’ पहनना कानूनन गलत है।

भाषा हर्ष नोमान

नोमान

 

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