मप्र : मुख्य न्यायाधीश ने लंबित मुकदमों की समस्या को हल करने के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर जोर दिया |

मप्र : मुख्य न्यायाधीश ने लंबित मुकदमों की समस्या को हल करने के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर जोर दिया

मप्र : मुख्य न्यायाधीश ने लंबित मुकदमों की समस्या को हल करने के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण पर जोर दिया

:   Modified Date:  May 20, 2024 / 12:31 PM IST, Published Date : May 20, 2024/12:31 pm IST

जबलपुर (मप्र), 20 मई (भाषा) मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आर. वी. मलिमथ ने कहा कि बुनियादी ढांचे की कमी अदालतों में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने में बाधा बनती है और दीर्घकालिक दृष्टिकोण के बिना लंबित मामलों का समाधान नहीं किया जा सकता।

मलिमथ, रविवार को 1,199.75 करोड़ रुपये की लागत से जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में उच्च न्यायालय के बुनियादी ढांचे के विकास की आधारशिला रखने के बाद यहां एक सभा को संबोधित कर रहे थे।

मुख्य न्यायाधीश मलिमथ ने कहा, ‘बुनियादी ढांचे की कमी नामित न्यायाधीशों की संख्या में वृद्धि नहीं करने के प्राथमिक कारणों में से एक है। दीर्घकालिक दृष्टिकोण के बिना लंबित मामलों का समाधान नहीं किया जा सकता और वादियों को परेशानी होती रहेगी।’

उन्होंने कहा कि भविष्य में मप्र उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की संख्या 121 हो जाएगी, जिसमें जबलपुर में मुख्य पीठ में 60, इंदौर और ग्वालियर खंडपीठ में 30-30 न्यायाधीश शामिल होंगे।

उन्होंने कहा, ‘हमें वादियों की जरूरतों को अपनी जरूरतों से पहले रखना चाहिए। मैं आपमें से प्रत्येक से आग्रह करता हूं कि वे खुद को एक वादी की जगह पर रखें, जो न्याय पाने के लिए दशकों से इंतजार कर रहा है। ऐसे वादकारियों की दुर्दशा अकल्पनीय है।’’

मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘यह तभी हो सकता है जब आप रोजमर्रा की छोटी-छोटी बातों से ऊपर उठ जाते हैं, तभी हम न्याय प्रदान प्रणाली में वास्तविक बदलाव ला सकते हैं। बार और पीठ से हममें से अधिकांश लोग सामूहिक रूप से यहां मध्य प्रदेश में ऐसा कर रहे हैं।’

उन्होंने कहा कि ग्वालियर में जिला न्यायालय परिसर के निर्माण में 16 साल लगे। पूरा होने का अनुमानित समय 36 महीने था और परियोजना को 19.72 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई थी।

उन्होंने कहा कि काफी तेजी से काम करने के बाद यह परियोजना पिछले महीने पूरी हो गई। उन्होंने कहा कि पूरा होने पर परिसर की लागत 100 करोड़ रुपये से थोड़ी अधिक है।

उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि इन इमारतों को बनने में उतना समय नहीं लगेगा। जबलपुर, इंदौर और ग्वालियर में ये नयी संरचनाएं न्याय प्रदान करने में सहायता के लिए हैं।’

मलिमथ ने कहा कि यहां मप्र राज्य न्यायिक अकादमी का नया परिसर 485.84 करोड़ रुपये की लागत से तथा इंदौर और ग्वालियर में नए उच्च न्यायालय भवनों का निर्माण क्रमशः 307.68 करोड़ रुपये और 406.23 करोड़ रुपये में किया जाएगा।

भाषा सं दिमो जितेंद्र

जितेंद्र

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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