पुणे कार हादसे में मारे गये इंजीनियरों के माता-पिता ने शीर्ष अदालत की निगरानी में जांच की मांग की |

पुणे कार हादसे में मारे गये इंजीनियरों के माता-पिता ने शीर्ष अदालत की निगरानी में जांच की मांग की

पुणे कार हादसे में मारे गये इंजीनियरों के माता-पिता ने शीर्ष अदालत की निगरानी में जांच की मांग की

:   Modified Date:  May 24, 2024 / 06:01 PM IST, Published Date : May 24, 2024/6:01 pm IST

जबलपुर, 24 मई (भाषा) पुणे में कार दुर्घटना में मारे गये दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के माता-पिता ने शुक्रवार को मांग की कि उच्चतम न्यायालय को मामले की जांच और सुनवाई की निगरानी करनी चाहिए।

दोनों परिवारों ने यह भी मांग की है कि मामले की सुनवाई मध्यप्रदेश में होनी चाहिए न कि महाराष्ट्र में क्योंकि मरने वाले मध्यप्रदेश से थे।

मध्यप्रदेश के रहने वाले 24 वर्षीय आईटी पेशेवर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मोटरसाइकिल को 19 मई को पुणे शहर में 17 वर्षीय लड़के द्वारा कथित तौर पर चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्शे कार ने टक्कर मार दी, जिससे इस घटना में उनकी मौत हो गयी। अश्विनी जबलपुर की रहने वाली थी, जबकि अनीश उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली का रहने वाला था।

अश्विनी के पिता सुरेश कुमार कोष्टा ने पीटीआई-भाषा से बात करते हुए कहा, ”उच्चतम न्यायालय को मामले की जांच और सुनवाई की निगरानी करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमें न्याय मिले।”

उन्होंने कहा कि अपराध की गंभीर प्रकृति को देखते हुए आरोपी के खिलाफ नाबालिग की तरह नहीं, बल्कि वयस्क की तरह मुकदमा चलाया जाना चाहिए। कोष्टा ने आरोप लगाया कि जब आरोपी ने उनकी बेटी और अनीश पर अपनी कार चढ़ा दी तब वह नशे की हालत में था।

दुर्घटना के बाद, किशोर को किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहते हुए उसे जमानत दे दी। त्वरित जमानत और पुलिस की समीक्षा याचिका पर हंगामे के बाद, जेजेबी ने बुधवार को रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के बेटे किशोर को पांच जून तक अवलोकन गृह में भेज दिया। पुलिस ने किशोर के पिता को भी गिरफ्तार कर लिया है।

अनीश के पिता ओम प्रकाश अवधिया ने फोन पर कहा, ‘मैं आखिरी सांस तक न्याय के लिए लड़ूंगा।’

उन्होंने कहा कि परिवारों को न्याय सुनिश्चित करने के लिए मामले की सुनवाई पुणे में नहीं बल्कि मध्यप्रदेश में होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं होने के बावजूद उसे थाने में वीआईपी ट्रीटमेंट दिया गया।

अवधिया ने कहा, ‘‘इस दुर्घटना को दोहरा हत्याकांड माना जाना चाहिए।”

भाषा सं दिमो रंजन

रंजन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)