कानून रद्द होने के बाद भी दर्ज हो गए 1300 से ज्यादा मामले, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा केस, आकड़ें को लेकर गरमाई सियासत
More than 1300 cases were registered even after the law was repealed कानून रद्द होने के बाद भी दर्ज हो गए 1300 से ज्यादा मामले, मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा केस, आकड़ें को लेकर गरमाई सियासत
जबलपुर: आईटी एक्ट की जो धारा सुप्रीम कोर्ट ने 7 साल पहले ही रद्द कर दी थी। उसी के तहत सोशल मीडिया में आपत्तिजक पोस्ट करने के नाम पर 11 राज्यों में 1307 केस दर्ज किए गए थे। जिसमें सबसे ज्यादा 145 केस मध्यप्रदेश में दर्ज हुए थे। ये आंकड़े सामने आने के बाद सु्प्रीम कोर्ट ने धारा 66 ए के इस्तेमाल पर रोक सुनिश्चित करने के आदेश दे दिए। लेकिन इधर मध्यप्रदेश की सियासत में भी उबाल आ गया। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह द्वारा प्रदेश की भाजपा सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाए जाने का भाजपा नेताओं ने बचाव किया। नेता प्रतिपक्ष के बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा विधायक अशोक रोहाणी ने कहा कि तानाशाही की बात कांग्रेस के मुंह से अच्छी नहीं लगती। रोहाणी ने कहा कि असली तानाशाही तो खुद कांग्रेस की सरकार ने सन् 1975 में देश में इमरजेंसी लगाकर की थी। भाजपा विधायक अशोक रोहाणी ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर रही है और सरकार आगे वही काम करेगी जो कानूनन होगा। >>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
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