Labor Service Maternity Assistance Scheme: भोपाल। मध्यप्रदेश में श्रमिक परिवारों की गर्भवती महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना में स्वास्थ्य विभाग ने बदलाव किए है। इस बदलाव को लेकर विभाग ने आदेश भी जारी किया है। आदेश के मुताबिक अब महिला को गर्भावस्था की पहली तिमाही में एएनसी जांच कराने पर योजना की पहली किश्त 4 हजार रूपए की राशि ऑनलाइन बैंक में ट्रांसफर कर दी जाएंगी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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Labor Service Maternity Assistance Scheme: अब तक प्रसूति सहायता योजना का फायदा सिर्फ सरकारी अस्पतालों में डिलेवरी कराने पर ही मिलता था लेकिन अब योजना का लाभ आयुष्मान योजना के तहत हाई रिस्क प्रेग्नेंसी के लिए इम्पैनल्ड निजी अस्पतालों में भी मिलेगा। आगे आदेश में कहा गया है कि पहली तिमाही में सहायता राशि दिए जाने से गर्भवती महिला जल्दी गर्भधारण का पंजीयन करवाएंगी, साथ ही उन्हें पोषण आहार की राशि भी जल्दी मिलेगी, इससे हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को सही इलाज सही समय पर दिया मिल सकेगा।
Labor Service Maternity Assistance Scheme: इससे पहले 4 एएनसी जांचें कराने पर प्रति जांच 1 हजार रूपए दिए जाते थे। नए नियमों के मुताबिक आरसीएच पोर्टल या अनमोल एप पर एएनएम और सरकारी अस्पताल द्वारा जिन गर्भवतियों का पंजीयन एक जुलाई से किया जाएगा। उन्हें नई व्यवस्था के अनुसार फायदा मिलेगा।
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Labor Service Maternity Assistance Scheme: 18 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिला और प्रसूताएं। गर्भवती महिला या उसका पति असंगठित कर्मकार मंडल या मप्र भवन संनिर्माण कर्मकार मण्डल (संबल योजना) में पंजीकृत होना चाहिए। संबल योजना के पंजीयन का ऑनलाइन वेरिफिकेशन किया जाएगा। प्रसूति सहायता का लाभ सिर्फ 2 जीवित जन्म वाले प्रसव के लिए ही मान्य किया जायेगा। गर्भावस्था जांच के बाद का भुगतान सरकारी और निजी चिकित्सालय में कराने पर भी होगा। जननी एक्सप्रेस, 108 एंबुलेंस और अन्य वाहन में प्रसव होने पर भी हितग्राही को लाभ दिया जाएगा। पहले या दूसरे प्रसव में जीवित जुडवा, ट्रिप्लेट, क्वाड्रग्पलेट या ज्यादा शिशुओं को जन्म दिया जाता है तो भी हितग्राही को योजना से लाभ देने की पात्रता होगी। डिलेवरी के बाद जीवित शिशु की जन्म के बाद यदि नवजात की कुछ घन्टों के भीतर मौत हो जाती है और शिशु को शीघ्र स्तनपान और टीकाकरण सुनिश्चित नहीं हो पाया है तो भी हितग्राही को प्रसव उपरान्त प्रदान की जाने वाली दूसरी किश्त का भुगतान लेने की पात्रता होगी।
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