एनजीओ का दावा:भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित लोग बीमारियों की चपेट में अधिक |

एनजीओ का दावा:भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित लोग बीमारियों की चपेट में अधिक

एनजीओ का दावा:भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ित लोग बीमारियों की चपेट में अधिक

:   Modified Date:  December 1, 2023 / 09:52 PM IST, Published Date : December 1, 2023/9:52 pm IST

भोपाल, एक दिसंबर (भाषा) सन् 1984 की भोपाल गैस त्रासदी के दौरान गैस रिसाव के संपर्क में आने वाले लोगों में मधुमेह, हृदय रोग, न्यूरोपैथी और गठिया जैसी बीमारियों की आशंका गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा तीन गुना ज़्यादा है।

गैस पीड़ितों की हित में काम करने वाले एक गैर सरकारी संगठन ने गैस त्रासदी की 39 वीं बरसी के एक दिन पहले शुक्रवार को यह दावा किया।

सन् 1984 में यहां 2 और 3 दिसंबर की मध्यरात्रि को यूनियन कार्बाइड कीटनाशक फैक्ट्री से जहरीली गैस के रिसाव के बाद कम से कम 3,787 लोग मारे गए थे। अब यह कारखाना बंद हो चुका है।

सम्भावना ट्रस्ट क्लीनिक में पंजीकरण सहायक नितेश दुबे ने कहा, “हमारे क्लीनिक के आँकड़ों से पता चलता है, कि क्लीनिक में पिछले दो सालों में इलाज कराने वाले 6254 व्यक्तियों में से मधुमेह, हृदय रोग, न्यूरोपैथी और गठिया जैसी बीमारी गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा गैस पीड़ितों में तीन गुना ज़्यादा हैं | गैर गैस पीड़ितों की अपेक्षा गैस पीड़ितों में उच्च रक्तचाप, एसिड पेप्टिक रोग, अस्थमा, सीओपीडी, सर्वाइकल स्पोंडिलोसिस और चिंता की बीमारियां दोगुनी हैं।’’

क्लिनिक में योग चिकित्सक डॉ. श्वेता चतुर्वेदी ने कहा, “1 जनवरी, 2022 से हमारे क्लीनिक में इलाज करवारहे 3832 गैस पीड़ितों में से 22 की मृत्यु हो गई है। ’’

क्लीनिक सितंबर 1996 से चल रहा है। डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि अब तक 36,730 व्यक्तियों को दीर्घकालिक देखभाल के लिए इसमें पंजीकृत किया गया है।

यह ट्रस्ट गैस पीड़ितों के लिए काम करता है।

भाषा दिमो राजकुमार

 

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