राजद्रोह के आरोप लगाने के लिए ठोस और विशिष्ट साक्ष्य जरूरी: निकम |

राजद्रोह के आरोप लगाने के लिए ठोस और विशिष्ट साक्ष्य जरूरी: निकम

राजद्रोह के आरोप लगाने के लिए ठोस और विशिष्ट साक्ष्य जरूरी: निकम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : April 25, 2022/10:37 pm IST

नागपुर, 25 अप्रैल (भाषा) हनुमान चालीसा पढ़ने के मामले में महाराष्ट्र के अमरावती से सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा के खिलाफ राजद्रोह के आरोपों से उठे विवाद के बीच प्रसिद्ध वकील उज्ज्वल निकम ने सोमवार को कहा कि औपनिवेशिक काल के इस सख्त कानून को तभी लागू किया जाना चाहिए जब मामला मजबूत हो, आरोपी के खिलाफ ठोस और विशिष्ट सबूत हों।

राणा दंपती पर राजद्रोह और शत्रुता को बढ़ावा देने के आरोप लगे हैं। पुलिस ने उन्हें मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के मुंबई स्थित निजी आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की उनकी घोषणा के बाद गिरफ्तार किया था।

अनेक महत्वपूर्ण मामलों में सरकारी अभियोजक रहे निकम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि अधिकारियों के पास राजद्रोह के आरोप में आरोपी के खिलाफ ठोस और विशिष्ट सबूत होने चाहिए।

उन्होंने तो यह सवाल भी उठाया कि किसी लोकतांत्रिक देश में कानून की किताबों में क्या राजद्रोह का अपराध रहना चाहिए जिसमें अधिकतम सजा उम्रकैद की हो सकती है।

निकम ने कहा कि ब्रिटिश औपनिवेशिक शासकों ने भारतीयों को अपने खिलाफ विद्रोह से रोकने के लिए राजद्रोह के आरोपों का भरपूर इस्तेमाल किया था।

भाषा

वैभव मनीषा

मनीषा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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