मुंबई, 18 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) को निर्देश दिया कि वह दो मामलों में कथित अनियमितताओं को लेकर अपने पूर्व मुंबई जोनल निदेशक समीर वानखेड़े के खिलाफ शुरू की गई प्रारंभिक जांच में उसके द्वारा एकत्र की गई सामग्री पेश करे।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ ने एनसीबी से यह भी सवाल किया कि वानखेड़े के खिलाफ क्या शिकायतें थीं और शिकायतकर्ता कौन थे, जिनके आधार पर जांच शुरू की गई।
भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) के 2008 बैच के अधिकारी वानखेड़े ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े मादक पदार्थ मामले में कथित अनियमितताओं के संबंध में एनसीबी की प्रारंभिक जांच पर उन्हें जारी नोटिस को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
वानखेड़े ने बृहस्पतिवार को अपने वकील राजीव चव्हाण के जरिए अदालत में एक जवाबी हलफनामा दायर किया, जिसमें दावा किया गया है कि क्रूज जहाज पर से मादक पदार्थ जब्त होने के मामले में अभिनेता शाहरुख खान के पुत्र आर्यन खान को गिरफ्तार करने के बाद से वह कई मामलों का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक भी उनके प्रति दुर्भावना रखते हैं क्योंकि उन्होंने मलिक के दामाद समीर खान को मादक पदार्थ से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार किया था।
पीठ ने याचिका की प्रति देखने के बाद कहा कि वानखेड़े ने एनसीबी द्वारा उन्हें जारी नोटिस के खिलाफ केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) से भी संपर्क किया है।
पीठ ने कहा, ‘एक साथ कार्यवाही नहीं की जा सकती। जब नोटिस का मामला कैट के समक्ष विचाराधीन हैं, तो आप उच्च न्यायालय कैसे आ सकते हैं।’
चव्हाण ने दावा किया कि कैट में दायर याचिका एनसीबी द्वारा शुरू की गई एक अन्य जांच में जारी नोटिस से संबंधित है।
पीठ ने स्पष्टता के लिए वानखेड़े द्वारा सभी मंचों पर दायर याचिकाओं के संबंध में एक चार्ट मांगा।
पीठ इस मामले में अगली सुनवाई 23 अप्रैल को करेगी।
भाषा अविनाश पवनेश
पवनेश
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