मुंबई, 15 जून (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने मीरा भायंदर महानगरपालिका (एमबीएमसी) को बकरीद त्योहार के दौरान पशुओं की कुर्बानी की अनुमति देने संबंधी नये अनुरोध पर विचार करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने शुक्रवार को नगर निकाय को 16 जून की अपराह्न तक निर्णय पर पहुंचने का निर्देश दिया।
एमबीएमसी के पशुपालन विभाग ने 10 जून को त्योहार के दौरान पशुओं की कुर्बानी के लिए अस्थायी रूप से दी गई अनुमति रद्द कर दी थी।
स्थानीय पुलिस की इस दलील पर विचार करने के बाद कि इससे क्षेत्र में कानून और व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है, नगर निकाय ने पांच जून को पशुओं की कुर्बानी की अनुमति देने संबंधी अपने आदेश को वापस ले लिया था।
इसके बाद याचिकाकर्ता रिजवान खान ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और नगर निकाय द्वारा पशुओं की कुर्बानी की अनुमति रद्द करने से जुड़े फैसले पर रोक लगाने का अनुरोध किया था।
न्यायमूर्ति श्याम चांडक और न्यायमूर्ति रेवती डेरे की खंडपीठ ने कहा कि कानून और व्यवस्था की समस्या को अनुमति रद्द करने का आधार नहीं बनाया जा सकता।
अदालत ने कहा, ‘‘सुनवाई के दौरान हालांकि हमने पाया कि अनुमति कुछ अधिनियमों/नियमों और विशेष रूप से महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 और नियम, 1978 की धारा छह के तहत सख्ती से नहीं दी गई थी।’’
मामले की गंभीरता को देखते हुए पीठ ने याचिकाकर्ता को निर्देश दिया कि वह नगर निकाय के समक्ष एक नया आवेदन दायर कर निर्दिष्ट स्थान पर भैंसों की कुर्बानी देने की अनुमति मांगे।
पीठ ने एमबीएमसी को महाराष्ट्र पशु संरक्षण अधिनियम, 1976 के प्रावधानों सहित पशुओं की कुर्बानी से संबंधित सभी अधिनियमों/नियमों पर विचार करने का निर्देश दिया।
अदालत ने कहा कि यह निर्णय 16 जून की अपराह्न तक लिया जाना चाहिए और याचिकाकर्ता को उसी दिन अपराह्न दो बजे से पहले इसके बारे में सूचित किया जाना चाहिए।
भाषा
देवेंद्र माधव
माधव
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