विख्यात संतूर वादक शिवकुमार शर्मा का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार |

विख्यात संतूर वादक शिवकुमार शर्मा का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

विख्यात संतूर वादक शिवकुमार शर्मा का निधन, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:55 PM IST, Published Date : May 10, 2022/4:56 pm IST

मुंबई, 10 मई (भाषा) संतूर को विश्व भर में पहचान दिलाने वाले संगीतकार पंडित शिवकुमार शर्मा का यहां मंगलवार को सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। शर्मा 84 वर्ष के थे। वह भारत के जानेमाने शास्त्रीय संगीतकारों में से एक थे जिन्होंने फिल्मों में भी संगीत दिया था।

उनके सचिव दिनेश ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि मुंबई के पाली हिल स्थित आवास पर सुबह आठ से साढ़े आठ बजे के बीच शर्मा का निधन हो गया। अगले सप्ताह उन्हें भोपाल में एक कार्यक्रम प्रस्तुत करना था। वह गुर्दे की समस्याओं से भी पीड़ित थे।

इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि शर्मा की राजकीय सम्मान के साथ अंत्येष्टि की जाएगी। बयान में कहा गया, “पंडित शिवकुमार शर्मा का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में आदेश दिए हैं।”

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य लोगों ने शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया। मोदी ने कहा, “पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से हमारे सांस्कृतिक जगत की क्षति हुई है। उन्होंने वैश्विक स्तर पर संतूर को लोकप्रिय बनाया। उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को प्रोत्साहित करता रहेगा। उनके साथ हुई बातचीत मुझे याद है। उनके परिजनों और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।”

राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, “उन्होंने जम्मू कश्मीर के पारंपरिक वाद्य यंत्र संतूर को लोकप्रिय बनाया।” उन्होंने कहा, ‘‘यह जानकर बेहद दुखी हूं कि अब उनका संतूर शांत हो गया। उनके परिवार, परिजनों एवं प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।’’

इसके साथ ही ठाकरे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया। ठाकरे ने शर्मा को भारतीय संगीत जगत का ‘गौरव’ बताया। राज्यपाल कोश्यारी ने संतूर के दिवंगत महारथी को “एक महान कलाकार, गुरु, अनुसंधानकर्ता, विचारक और एक नेकदिल मनुष्य” करार दिया। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने भी शर्मा के निधन पर दुख जताया।

शर्मा के एक पारिवारिक सूत्र ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “उन्हें सुबह दिल का दौरा पड़ा। वह ठीक थे और अगले सप्ताह भोपाल में उनका कार्यक्रम होना था। उनका नियमित डायलिसिस होता था फिर भी वह नियमित कामकाज करते रहते थे।” उनके परिवार में पत्नी मनोरमा और बेटे राहुल तथा रोहित हैं।

दिवंगत शास्त्रीय गायक पंडित जसराज की बेटी और शर्मा की करीबी मित्र दुर्गा जसराज ने कहा कि शर्मा बाथरूम में अचेत हो गए और “क्षणभर में ही चल बसे।”

दुर्गा ने पीटीआई-भाषा से कहा, “मैंने अपना दूसरा पिता खो दिया। मैं सारी व्यवस्था कर रही थी लेकिन वह सुबह बाथरूम में अचेत हो गए। उन्हें दिल का दौरा पड़ा और वह बच नहीं पाए। हमने एम्बुलेंस बुलाई और सब कुछ किया लेकिन वह क्षणभर में ही चल बसे। एक तरह से वह शांतिपूर्वक चले गए।”

शर्मा के सचिव ने कहा कि पार्थिव शरीर को पाली हिल वाले घर में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि शर्मा के पार्थिव शरीर को बुधवार को पूर्वाह्न 10 बजे जुहू स्थित अभिजीत कोआपरेटिव सोसाइटी में स्थानांतरित कर दिया जाएगा जहां उसे दोपहर एक बजे तक जनता के दर्शन के लिए रखा जाएगा।

पद्म विभूषण से सम्मानित शर्मा का जन्म 1938 में जम्मू में हुआ था। माना जाता है कि वह पहले संगीतकार थे जिन्होंने संतूर पर भारतीय शास्त्रीय संगीत के सुर बिखेरे। संतूर जम्मू कश्मीर का एक लोक वाद्य यंत्र है।

बांसुरी वादक पंडित हरि प्रसाद चौरसिया के साथ शर्मा की जोड़ी को ‘शिव-हरि’ का नाम दिया गया था। इस जोड़ी ने “सिलसिला”, “लम्हे” और “चांदनी” जैसी कई फिल्मों में संगीत दिया, जिसे लोगों ने बेहद पसंद किया। शिवकुमार के बेटे राहुल शर्मा भी एक संतूर वादक हैं।

शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए प्रख्यात सरोद वादक अमजद अली खान ने ट्वीट किया, “पंडित शिवकुमार शर्मा जी के निधन से एक युग का अंत हो गया। वह संतूर वादन के पुरोधा थे और उनका योगदान अतुलनीय है। मेरे लिए यह व्यक्तिगत क्षति है और मैं हमेशा उन्हें बहुत याद करूंगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। उनका संगीत हमेशा जीवित रहेगा। ओम शांति।”

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, “प्रख्यात संतूर वादक और अंतरराष्ट्रीय स्तर के भारतीय संगीतकार पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन का समाचार पाकर दुख हुआ। उनके जाने से सांस्कृतिक जगत की हानि हुई है। मेरी गहरी संवेदनाएं।”

गजल गायक पंकज उधास, संगीतकार सलीम मर्चेंट और अभिनेत्री शबाना आजमी ने भी शर्मा के निधन पर शोक व्यक्त किया। शिवकुमार शर्मा को 1986 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, 1991 में पद्मश्री तथा 2001 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, “पंडित शिवकुमार शर्मा के निधन का समाचार पाकर अत्यंत दुख हुआ। उन्होंने संतूर को लोकप्रिय बनाया जैसा उनसे पहले किसी ने नहीं किया था। वह धरती के गौरव थे जिन्होंने विश्व स्तर पर अपनी छाप छोड़ी। उनके परिजनों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।”

अभिनेत्री और भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी ने शर्मा को एक अच्छा मनुष्य बताया।

दुर्गा जसराज ने कहा कि उनके पिता और शर्मा दोस्त से बढ़कर थे और एक दूसरे को भाई मानते थे।

उन्होंने कहा, “मेरे पिता ने उनके (शर्मा) करियर के आरंभिक दौर में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और मेरी मां ने उन्हें अपने पिता की फिल्म ‘झनक झनक पायल बाजे’ दिलाई थी।” गौरतलब है कि “झनक झनक पायल बाजे” वी. शांताराम की फिल्म थी और शांताराम दुर्गा के नाना थे।

भाषा यश माधव

माधव

 

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