मराठा आरक्षण पर विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित |

मराठा आरक्षण पर विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित

मराठा आरक्षण पर विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार किया, दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित

:   Modified Date:  July 10, 2024 / 06:38 PM IST, Published Date : July 10, 2024/6:38 pm IST

मुंबई, 10 जुलाई (भाषा) मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मुख्यमंत्री द्वारा बुलाई गयी सर्वदलीय बैठक का विपक्ष द्वारा बहिष्कार किए जाने पर बुधवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में हंगामा हुआ, जिसके कारण विधानसभा और विधान परिषद की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।

मंगलवार शाम बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का महा विकास आघाडी (एमवीए) के सदस्यों ने बहिष्कार किया और सरकार पर उन्हें विश्वास में नहीं लेने का आरोप लगाया।

निचले सदन में पीठासीन अधिकारी संजय शिरसाट ने दिनभर के लिए कार्यवाही स्थगित करने से पहले अनुपूरक और बजटीय मांगों, विनियोग विधेयक और कर-संबंधी संशोधन विधेयक को पारित करने सहित कामकाज को जल्दी-जल्दी निपटाया।

यह मुद्दा सबसे पहले भाजपा के अमीत साटम ने उठाया और विपक्ष पर आरक्षण मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।

साटम ने विपक्ष को इस बात पर अपना रुख स्पष्ट करने की चुनौती दी कि मराठाओं को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटे से आरक्षण दिया जाना चाहिए या नहीं। उन्होंने विपक्ष पर समुदायों के बीच दरार पैदा करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

आशीष शेलार (भाजपा) ने दावा किया कि विपक्ष ने आखिरी समय में सर्वदलीय बैठक से खुद को अलग कर लिया। इसके बाद सत्ता पक्ष के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के सामने आकर विपक्ष की निंदा करते हुए हंगामा किया।

नेता प्रतिपक्ष कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने आरोप लगाया कि सरकार सामाजिक विभाजन को बढ़ावा दे रही है और तनाव बढ़ने पर ही विपक्ष का समर्थन मांग रही है। उन्होंने सामाजिक अशांति के लिए सत्तारूढ़ महायुति सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

उन्होंने कहा, “सामाजिक तनाव महायुति सरकार का पाप है।”

भाजपा विधायक संजय कुटे ने कहा कि आरक्षण मुद्दे पर पिछली सर्वदलीय बैठकों में विपक्ष ने भाग लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राकांपा नेताओं ने मराठा आरक्षण का विरोध किया था।

कुटे ने कहा, “यह भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ही है जिसने मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान किया था, लेकिन विपक्ष उच्चतम न्यायालय में इसे रोकने की कोशिश कर रहा है।”

इस बीच, शेलार ने मांग की कि विपक्ष मराठा समुदाय और ओबीसी से माफी मांगे। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष का इस मुद्दे को सुलझाने का कोई इरादा नहीं है।

हंगामे और सत्ता पक्ष के सदस्यों के आसन के समक्ष आने के बीच अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सदन की कार्यवाही कई बार स्थगित की।

सदन की कार्यवाही पुनः शुरू होने पर भाजपा के नितेश राणे ने विपक्ष से मराठा आरक्षण पर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की, जबकि शेलार ने आरोप लगाया कि विपक्ष का अंतिम समय में किया गया बहिष्कार किसी के प्रभाव की वजह से है।

शेलार ने पूछा, “इसके (बहिष्कार) पीछे किसका संदेश या फोन कॉल थी?”

जब वडेट्टीवार बोलने के लिए खड़े हुए, तो सत्ता पक्ष के सदस्य आसन के सामने आ गए और नारे लगाने लगे। कुटे ने मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे से विपक्षी नेताओं से दूर रहने का आग्रह किया और दावा किया कि वे चुनावी लाभ के लिए समुदाय में विभाजन की कोशिश कर रहे हैं।

विधान परिषद में भी कार्यवाही तब इसी तरह बाधित हुई जब भाजपा के प्रवीण दरेकर ने बैठक में शामिल न होने के लिए विपक्षी एमवीए पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया।

उपसभापति नीलम गोरहे की अपील के बावजूद हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी।

भाषा प्रशांत नेत्रपाल

नेत्रपाल

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)