पुणे कार दुर्घटना: किशोर चालक की चाची ने आरोपी की हिरासत को अवैध करार दिया, रिहाई की मांग की |

पुणे कार दुर्घटना: किशोर चालक की चाची ने आरोपी की हिरासत को अवैध करार दिया, रिहाई की मांग की

पुणे कार दुर्घटना: किशोर चालक की चाची ने आरोपी की हिरासत को अवैध करार दिया, रिहाई की मांग की

:   Modified Date:  June 14, 2024 / 10:28 PM IST, Published Date : June 14, 2024/10:28 pm IST

मुंबई, 14 जून (भाषा) ‘पुणे पोर्श कार दुर्घटना’ के आरोपी किशोर की एक चाची ने उसे (किशोर को) ‘अवैध’ हिरासत में रखने का दावा करते हुए बम्बई उच्च न्यायालय का रुख किया है और उसकी तत्काल रिहाई की मांग की है।

महिला ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर करके 17-वर्षीय किशोर की तत्काल रिहाई की मांग की है, जिसे फिलहाल पुणे के एक सुधार गृह में रखा गया है।

याचिका में कहा गया है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना को चाहे जिस नजरिये से देखा जाए, यह एक दुर्घटना थी और जिस व्यक्ति के वाहन चलाने के बारे में कहा जा रहा है वह नाबालिग था।

दस जून को दायर की गई याचिका शुक्रवार को न्यायमूर्ति भारती डांगरे और न्यायमूर्ति मंजूषा देशपांडे की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आई।

बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका यह सुनिश्चित करने के लिए दायर की जाती है कि हिरासत में लिये गए व्यक्ति को अदालत के समक्ष पेश किया जाए और अदालत यह निर्धारित करे कि हिरासत कानूनी है अथवा गैर-कानूनी।

पुणे पुलिस का प्रतिनिधित्व करने वाले सरकारी वकील हितेन वेनेगांवकर ने याचिका की स्वीकार्यता को चुनौती दी और दलील दी कि किशोर सुधार गृह में कानूनी हिरासत में है।

याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता आबाद पोंडा ने किशोर की तत्काल रिहाई की मांग की।

पीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 20 जून की तारीख तय की।

यह घटना 19 मई की है जब किशोर कथित तौर पर नशे की हालत में बहुत तेज गति से पोर्श कार चला रहा था। उसकी कार जब पुणे के कल्याणी नगर इलाके में एक मोटरसाइकिल से टकरा गई, जिसमें दो सॉफ्टवेयर इंजीनियर- अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मौत हो गई।

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)