कानून के अनुरूप केस डायरी संभालकर रखने में पुलिस लापरवाही पर अदालत ने 'गहरी पीड़ा’ व्यक्त की |

कानून के अनुरूप केस डायरी संभालकर रखने में पुलिस लापरवाही पर अदालत ने ‘गहरी पीड़ा’ व्यक्त की

कानून के अनुरूप केस डायरी संभालकर रखने में पुलिस लापरवाही पर अदालत ने 'गहरी पीड़ा’ व्यक्त की

:   Modified Date:  June 14, 2024 / 03:09 PM IST, Published Date : June 14, 2024/3:09 pm IST

मुंबई, 14 जून (भाषा) बम्बई उच्च न्यायालय ने ‘केस डायरी’ संभालकर रखने को लेकर महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की ओर से जारी किये गये दिशानिर्देशों के बावजूद पुलिस अधिकारियों द्वारा इसे संभालकर नहीं रखे जाने की निरंतर घटनाओं पर ‘गहरी पीड़ा’ व्यक्त की है।

न्यायमूर्ति एएस गडकरी और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने एक मामले को रद्द करने से संबंधित याचिका पर सुनवाई के दौरान बृहस्पतिवार को कहा कि यह एक और ऐसा अनोखा उदाहरण है जहां पुलिस ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 172(1-बी) का पूरी तरह से उल्लंघन किया है। इस धारा में कहा गया है कि जांच कार्यवाही की दिन-प्रतिदिन की प्रविष्टि वाली डायरी में पृष्ठांकन किया जाना चाहिए।

पीठ ने जनवरी में भी एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए इसी तरह की चिंता जताई थी, जिसके बाद राज्य के पुलिस महानिदेशक ने एक ‘सर्कुलर’ (परिपत्र) जारी कर सभी पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि प्रत्येक मामले की केस डायरी कानून के प्रावधानों के अनुसार रखी जाए।

पीठ ने बृहस्पतिवार को संबंधित मामले की केस डायरी मांगी थी, लेकिन उसने पाया कि इसे ‘‘सर्वाधिक खराब तरीके’’ से रखा गया था और इसे ‘जिल्द वाले खंड’ में नहीं रखा गया था।

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि डीजीपी द्वारा जारी परिपत्र और निर्देश निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों तक नहीं पहुंचे हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें ऐसा लगता है कि जांच अधिकारी या तो परिपत्र से अनभिज्ञ हैं या इसके प्रति अनभिज्ञता का दिखावा कर रहे हैं।’’

अदालत ने कहा कि वह यह तो मान सकती हैं कि पुलिस को कानून के प्रावधानों की जानकारी नहीं हो सकती है, लेकिन वह ऐसी स्थिति को स्वीकार नहीं कर सकती कि पुलिस अधिकारियों को उस डीजीपी की ओर से जारी दिशानिर्देशों की जानकारी न हो, जो उनके प्रमुख हैं।

पीठ ने कहा, ‘‘हम ये टिप्पणियां बेहद पीड़ा के साथ कर रहे हैं, क्योंकि हम बार-बार डीजीपी द्वारा जारी परिपत्रों के साथ-साथ अन्य वैधानिक आवश्यकताओं के ऐसे स्पष्ट उल्लंघनों को देख रहे हैं।’’

अदालत ने खेरवाड़ी पुलिस थाने की केस डायरी को उचित कार्रवाई के लिए डीजीपी को भेजने का आदेश दिया।

इसने कहा, ‘‘हम डीजीपी को उचित सुधारात्मक कार्रवाई करने और राज्य के सभी पुलिस अधिकारियों द्वारा कम से कम अपने स्वयं के परिपत्रों का सख्त अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश देते हैं।’’

पीठ ने डीजीपी को 28 जून को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

भाषा सुरेश मनीषा

मनीषा

 

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