अध्ययन में बड़ा खुलासा, इस वजह से भारतीय महिलाओं में बढ़ रहा गर्भपात का खतरा | Air pollution increases risk of miscarriage among women in India: study

अध्ययन में बड़ा खुलासा, इस वजह से भारतीय महिलाओं में बढ़ रहा गर्भपात का खतरा

अध्ययन में बड़ा खुलासा, इस वजह से भारतीय महिलाओं में बढ़ रहा गर्भपात का खतरा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : January 7, 2021/12:25 pm IST

नयी दिल्ली: वायु प्रदूषण का सामना कर रहे भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की गर्भवती महिलाओं में समय पूर्व प्रसव और गर्भपात का जोखिम बढ़ जाता है। शोध पत्रिका ‘द लांसेट प्लानेटरी हेल्थ’ में प्रकाशित एक अध्ययन में इन खतरों के बारे में आगाह किया है।

Read More: सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, कहा- राजिम पुन्नी मेला में इस बार नहीं होगा शासकीय आयोजन, मेला पर रोक नहीं

शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में पाया है कि दक्षिण एशिया में हर साल अनुमानित तौर पर 3,49,681 महिलाओं के गर्भपात का संबंध हवा में मौजूद अति सूक्ष्म कण पीएम 2.5 से जुड़ा हुआ है। भारत में मानक वायु गुणवत्ता में पीएम 2.5 कण की मौजूदगी 40 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा है।

Read More: शिवसेना ने की राहुल गांधी की प्रशंसा, कहा- ‘दिल्ली के शासक’ डरते हैं इनसे

उन्होंने कहा कि 2000-2016 के बीच क्षेत्र में कुल गर्भपात में इसकी हिस्सेदारी सात प्रतिशत थी। वायु गुणवत्ता को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्देश के तहत 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा होने पर यह गर्भपात के 29 प्रतिशत से ज्यादा मामलों के लिए जिम्मेदार होता है।

Read More: खराब प्रदर्शन के बाद आलोचना के हकदार हैं हम: मिसबाह उल हक

पेकिंग विश्वविद्यालय, चीन के शोधकर्ता और अध्ययन के लेखक ताओ झू ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा गर्भपात की घटनाएं होती हैं और दुनिया में यह पीएम 2.5 से सबसे ज्यादा प्रदूषित क्षेत्र है।’’

Read More: छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतीक है राजिम : CM भूपेश बघेल, सुविधा विकसित करने नहीं आने दी जाएगी धन की कमी

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे अध्ययन से यह निष्कर्ष निकला है कि खराब वायु गुणवत्ता के कारण क्षेत्र में गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है। प्रदूषण स्तर को घटाने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।’’

Read More: मेडिकल कॉलेज में पदस्थ डॉक्टर ने गले की नस काटकर की खुदकुशी, बाथरुम में कर लिया था खुद को कैद

चाइनीज एकेडमी ऑफ मेडिकल साइंसेज की तिआनजिया गुआन ने कहा कि गर्भपात के कारण महिलाओं की मानसिक, शारीरिक और आर्थिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है। गुआन ने कहा कि प्रसव बाद अवसाद, बाद के गर्भधारण में मृत्यु दर बढ़ने और गर्भावस्था के दौरान खर्च बढ़ने की दिक्कतों का भी सामना करना पड़ता है।

Read More: अब आपका WhatsApp चैट पढ़ सकेगा Facebook? जानिए कंपनी ने कौन सी पॉलिसी में किया है बदलाव…

शोधकर्ताओं ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण गर्भपात का खतरा भारत और पाकिस्तान के उत्तर के मैदानी क्षेत्रों में बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि पीएम 2.5 के स्तर में 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से ज्यादा की वृद्धि होने पर गर्भपात का खतरा तीन प्रतिशत बढ़ता जाता है।

Read More: जीतन राम मांझी का बड़ा हमला, जरूरत के समय हनीमून पर चले जाते हैं तीनों युवराज राहुल गांधी, तेजस्वी यादव और चिराग पासवान