कोविड-19 दौर के बाद आयुर्वेद अर्थव्यवस्था में 90 प्रतिशत की वृद्धि: हर्षवर्धन | Ayurveda economy grows by 90 per cent after Covid-19 round: Harsh Vardhan

कोविड-19 दौर के बाद आयुर्वेद अर्थव्यवस्था में 90 प्रतिशत की वृद्धि: हर्षवर्धन

कोविड-19 दौर के बाद आयुर्वेद अर्थव्यवस्था में 90 प्रतिशत की वृद्धि: हर्षवर्धन

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : February 19, 2021/1:27 pm IST

नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद आयुर्वेद अर्थव्यवस्था में 90 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। इसका कारण आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया जाना है।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में निर्यात के साथ-साथ निवेश में भी भारी वृद्धि हुई है।

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आयुर्वेद उत्पादों का बाजार 30,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें दहाई अंक 15 से 20 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर हो रही है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह आंकड़ा पूर्व-कोविड समय का है। कोविड बाद के दौर में आयुर्वेद की अर्थव्यवस्था वृद्धि दर बढ़कर 50 से 90 प्रतिशत हो गई है जबकि पहले इसमें 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि हो रही थी।’’

यह स्वयं दर्शाता है कि भारत और विश्व के लोगों ने आयुर्वेद को स्वीकार किया है।

मंत्री ने कहा, ‘‘निर्यात और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के संदर्भ में भी उल्लेखनीय सुधार हुआ है।’’ वह कोविड के खिलाफ ‘प्रथम साक्ष्य आधारित आयुर्वेदिक दवा’ पर हरिद्वार स्थित पतंजलि द्वारा एक शोध पत्र जारी करने के मौके पर आयोजित एक समारोह को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि कोविड समय के दौरान, आयुष मंत्रालय ने 140 स्थानों पर 109 प्रकार के अध्ययन किए थे। ‘‘जब मैंने परिणाम देखे, तो वे काफी उत्साहजनक और सकारात्मक थे।’’

आयुर्वेद लोगों को स्वस्थ रखने के लिए है और इसे किसी से किसी भी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘अगर हम तकनीकी रूप से इसका अध्ययन करते हैं, तो भारत के पास एक बड़ी क्षमता मौजूद है।’’

‘ईएनटी’ (कान, नाक, गला) में विशेषज्ञता के साथ एमबीबीएस और एमएस, हर्षवर्धन ने कहा, ‘‘हालांकि मैंने आधुनिक चिकित्सा पद्धति का अभ्यास किया है लेकिन आयुर्वेद का अध्ययन करने के बाद, मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि यह सभी के लिए फायदेमंद है। ”

कार्यक्रम में रामदेव ने कहा कि सभी चिकित्सा पद्धतियों में तालमेल की जरूरत है।

इस मौके पर मौजूद केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी ने कहा कि पंतजलि ने दैनिक उपयोग के सामान के लिये विकल्प उपलब्ध कराया है। ये वे उत्पाद हैं जिनके लिये देश को विदेशी कंपनियों को रॉयल्टी देनी होती है।

उन्होने कहा कि अब योग और आयुर्वेद दुनिया भर में लोकप्रिय हैं और लोग इसका अनुकरण कर रहे हैं।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण

 

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