प्रेम विवाह के नाम पर धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए बनेगी कड़ी रणनीति, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया निर्देश | CM yogi DIRECTS TO FORMULATE A TOUGH STRATEGY FOR EFFECTIVE PREVENTION OF CONVERSIONS in Uttar Pradesh

प्रेम विवाह के नाम पर धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए बनेगी कड़ी रणनीति, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया निर्देश

प्रेम विवाह के नाम पर धर्मांतरण पर रोक लगाने के लिए बनेगी कड़ी रणनीति, सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिया निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : September 18, 2020/12:18 pm IST

लखनऊ: प्रेम और विवाह के नाम पर धर्मांतरण के बढ़ते मामलों के मददेनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों से कहा है कि वह इस तरह के मामलों को रोकने के लिये ठोस रणनीति बनायें और अगर आवश्यकता पड़े तो अध्यादेश लायें ।

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आधिकारिक सूत्रों ने कहा ”पिछले कुछ समय से देखा गया है कि महिलायें प्रेम और विवाह के नाम पर धर्म परिवर्तन करने को मजबूर होती है और उसके बाद क्रूरता का शिकार हो जाती है । कुछ मामलों में उनकी हत्या भी कर दी गयी । ऐसे मामलों को गंभीरता से लेते हुये मुख्यमंत्री ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिये कड़ी और ठोस रणनीति बनाने के निर्देश दिये है ।” सूत्रों के अनुसार अगर आवश्यकता पड़ी तो इस मामले में अध्यादेश भी लाया जा सकता है ।

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गौरतलब है कि पिछले वर्ष नवंबर माह में उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें जबरन धर्मान्तरण जैसे ‘गंभीर मसले’ पर नया कानून बनाने की सिफारिश की गयी थी। आयोग की सचिव सपना त्रिपाठी ने पीटीआई भाषा को बताया था कि धर्म की स्वतंत्रता (विधेयक के मसौदे सहित) उत्तर प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता विधेयक 2019′ नामक रिपोर्ट आयोग ने मुख्यमंत्री को सौंपी है।योगी को यह रिपोर्ट आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदित्यनाथ मित्तल और सपना त्रिपाठी द्वारा सौंपी गयी थी ।

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आजादी के पहले और बाद, देश और पड़ोसी देशों मसलन नेपाल, म्यामां, भूटान, श्रीलंका और पाकिस्तान के कानूनों के अध्ययन के बाद रिपोर्ट को राज्य सरकार के विचारार्थ भेजा गया है। रिपोर्ट में कहा गया,‘‘ आयोग का मत है कि मौजूदा कानूनी प्रावधान धर्मान्तरण रोकने के लिए पर्याप्त नहीं हैं और इस गंभीर मसले पर दस अन्य राज्यों की तरह नये कानून की आवश्यकता है। रिपोर्ट 268 पृष्ठों की है। इसमें ‘धर्म क्या है, क्या इसकी व्याख्या की जा सकती है, जबरन धर्मान्तरण पर हाल की खबरें, पड़ोसी देशों के धर्मान्तरण विरोधी कानून’ जैसे विषय शामिल किये गये हैं।

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रिपोर्ट में धर्म से जुड़े मौजूदा कानूनी प्रावधानों और नये कानून की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। आयोग ने मसौदा विधेयक के साथ अपनी सिफारिशें सौंपी ।रिपोर्ट में कहा गया कि मध्य प्रदेश, अरूणाचल प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु, गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ, झारखंड, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड जैसे राज्यों में जबरन धर्मान्तरण को प्रतिबंधित करने के विशेष कानून बनाये गये हैं।

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