आयकर आकलन पुन: खोलने के लिए समय सीमा घटाकर आधी की गयी : वित्त मंत्री | Deadline for reopening income tax assessment reduced to half: Finance Minister

आयकर आकलन पुन: खोलने के लिए समय सीमा घटाकर आधी की गयी : वित्त मंत्री

आयकर आकलन पुन: खोलने के लिए समय सीमा घटाकर आधी की गयी : वित्त मंत्री

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:53 PM IST, Published Date : February 1, 2021/8:23 am IST

नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को आयकर आकलन मामलों को फिर से खोले जाने की समय सीमा छह साल से घटा कर तीन साल कर दी। इसके साथ ही कर धोखाधड़ी से जुड़े ऐसे गंभीर मामलों में जहां छिपायी गयी आय 50 लाख रुपये या उससे अधिक है, यह अवधि 10 साल होगी।

सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 के अपने बजट भाषण में यह घोषणा भी की कि केवल पेंशन और ब्याज आय वाले 75 साल से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी। ब्याज का भुगतान करने वाले बैंक अपनी ओर से कर की कटौती कर लेंगे।

उन्होंने कहा कि आकलन संबंधी मामलों को फिर से खोले जाने को लेकर करदाताओं के मन में बनी अनिश्चितता को दूर करने के लिए इसकी समय सीमा पहले की छह साल से कम कर तीन साल होगी।

वित्त मंत्री ने कहा कि कर विभाग अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) की दोहरा कराधान संबंधी कठिनाइयों को दूर करने के लिए नियमों को अधिसूचित करेगा।

उन्होंने कहा कि सूचीबद्ध प्रतिभूतियों से पूंजीगत लाभ, लाभांश आय और बैंकों तथा डाकघरों से ब्याज आय के विवरण के साथ पहले से भरे हुए आयकर रिटर्न जल्द ही उपलब्ध होंगे।

बजट प्रस्ताव के अनुसार 50 लाख रुपये तक की कर योग्य आमदनी वाले छोटे करदाताओं के लिए एक विवाद समाधान समिति गठित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि 1.10 लाख करदाताओं ने कर विवादों के हल के लिए प्रत्यक्ष कर विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाया है।

बजट में ‘फेसलेस इनकम टैक्स अपीलेट ट्राइब्यूनल’ शुरू करने का भी प्रस्ताव किया गया है।

भाषा अविनाश माधव

माधव

 

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