लखनऊ, दो मार्च (भाषा) उत्तर प्रदेश विधान परिषद में मंगलवार को मण्डियों की उपयोगिता के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी (सपा) सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया।
शून्यकाल में सपा के अहमद हसन, जितेन्द्र यादव तथा अन्य सदस्यों ने कार्यस्थगन प्रस्ताव के जरिये उत्तर प्रदेश कृषि मण्डी संशोधन अधिनियम-2018 के माध्यम से मण्डियों की उपयोगिता कम करने का आरोप लगाते हुए यह मामला उठाया।
सूचना की ग्राह्यता पर सपा और विपक्ष के नेता अहमद हसन तथा संजय लाठर, बलवन्त सिंह रामूवालिया ने बल देते हुए कहा कि सरकार द्वारा लागू तीनों कानून किसान विरोधी हैं। सपा की मांग है कि सरकार इन कानूनों को वापस ले और किसानों के साथ न्याय करे।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा, ”हमारी सरकार किसान हितैषी है। किसानों के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। नये कानून किसानों को बेहतर सुविधाएं और अवसर उपलब्ध कराने में सहायक होंगे। हम मण्डियों के पास ही कोल्ड स्टोरेज बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं और मौजूदा योगी सरकार ने किसानों की कई उपजों पर मण्डी शुल्क शून्य कर दिया है। इसका सीधा लाभ अब किसानों को होगा, बिचौलियों को नहीं।”
उन्होंने कहा, ”बिचैलियों को हटाने की योजना पिछली सरकारों की बनायी हुई है। हमारी सरकार सिर्फ उन्हीं योजनाओं को आगे बढ़ा रही है। योगी सरकार के सत्ता में आने के बाद प्रदेश में एक भी मण्डी बन्द नहीं हुयी है और ना ही आगे बन्द होगी।”
कृषि मंत्री ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा, ”सदन में गलत तथ्य पेश किये गये हैं! जब ये लोग सदन में गलत बात रख रहे हैं तो किसानों को भी इन्होंने ही बरगलाया है।”
सरकार के जवाब से असंतुष्ट होकर सभी सपा सदस्य सरकार के किसान विरोधी होने के नारे लगाते हुए सदन से बाहर चले गये।
भाषा सलीम अर्पणा
अर्पणा
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