पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी की चुनाव में जीत के बाद PM इमरान खान की जमकर हुई आलोचना, वरिष्ठ नेताओं ने मांगा इस्तीफा | Pak former PM Gilani beats finance minister in Senate election,

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी की चुनाव में जीत के बाद PM इमरान खान की जमकर हुई आलोचना, वरिष्ठ नेताओं ने मांगा इस्तीफा

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी की चुनाव में जीत के बाद PM इमरान खान की जमकर हुई आलोचना, वरिष्ठ नेताओं ने मांगा इस्तीफा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:52 PM IST, Published Date : March 3, 2021/7:19 pm IST

इस्लामाबाद, पाकिस्तान के वित्त मंत्री अब्दुल हफीज शेख को महत्वपूर्ण सीनेट चुनावों में बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने पराजित कर दिया। इस नतीजे को प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि उन्होंने व्यक्तिगत रूप से मंत्रिमंडल के अपने सहयोगी के लिए प्रयास किया था।

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सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (पीटीआई) ने दावा किया था कि उसे 182 सदस्यों का समर्थन हासिल है जबकि सीनेटर को चुनने के लिए 172 वोटों की आवश्यकता थी।

पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने घोषणा की कि, ‘‘यूसुफ रजा गिलानी को 169 मत मिले जबकि शेख को 164 मत मिले। सात मत खारिज हुए। कुल 340 वोट डाले गए।’’

प्रधानमंत्री खान ने शेख की जीत सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास किया था। ग्यारह विपक्षी पार्टियों के एक गठबंधन पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) ने गिलानी का समर्थन किया था। इसमें पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी भी शामिल हैं।

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दिलचस्प बात यह है कि शेख 2008 से 2012 तक पूर्व प्रधानमंत्री गिलानी के कार्यकाल के दौरान उनके मंत्रिमंडल में मंत्री थे।

सरकार के प्रवक्ता शहबाज गिल ने कहा कि विपक्ष केवल पांच मतों के अंतर से जीत गया जबकि सात मत खारिज हो गये। उन्होंने चुनाव को चुनौती देने की घोषणा की।

इसी सदन में सत्तारूढ़ पार्टी की फोजिया अरशद को 174 मत मिले और उन्होंने पीडीएम समर्थित उम्मीदवार फरजाना कौसर को हरा दिया जिन्हें 161 वोट प्राप्त हुए। इनमें मामले में पांच मत खारिज हुए।

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जीत के बाद गिलानी के साथ मीडिया को संबोधित करते हुए पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी ने प्रधानमंत्री इमरान खान को पद छोड़ने के लिए कहा क्योंकि उनके उम्मीदवार की हार से पता चलता है कि वह नेशनल असेंबली में विश्वास खो चुके हैं।

बिलावल ने कहा, ‘‘इमरान खान को इस्तीफा दे देना चाहिए, यह केवल विपक्ष की मांग नहीं है बल्कि सरकार के अपने सदस्यों की भी है।’’ उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की लोकतंत्रिक यात्रा में एक नया दौर शुरू हो रहा है।

उन्होंने पीडीएम नेतृत्व का शुक्रिया अदा किया और कहा कि गिलानी की जीत पाकिस्तान में सभी लोकतांत्रिक ताकतों की जीत है। उन्होंने कहा, ‘‘यह कठपुतली सरकार अपनी संसद से हार गई और पाकिस्तान के लोग जीत गए।’’

गिलानी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने उन्हें लंदन से फोन किया, जहां वह रहते हैं, और ‘‘शानदार जीत पर उन्हें बधाई दी।’’

पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने ट्वीट किया कि खान को देश पर शासन करने का कोई अधिकार नहीं है, क्योंकि उनके (पीटीआई के) लोगों ने दबाव होने के बावजूद, इमरान खान (उम्मीदवार) को वोट देने से इनकार कर दिया।’’

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पीएमएल-एन के वरिष्ठ नेता अहसान इकबाल ने भी कहा कि प्रधानमंत्री खान को आज रात इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इमरान और उनके मंत्री अपना वोट भी ठीक से नहीं डाल सकते, वे देश कैसे चला सकते हैं?’’

वह मीडिया की उन खबरों का जिक्र कर रहे थे कि खान का खुद का वोट और उनके दो मंत्रियों का वोट उन सात खारिज वोटों में शामिल है, जिसका खामियाजा उन्हें प्रतिष्ठित सीट की कीमत के तौर पर चुकाना पड़ा क्योंकि , क्योंकि शेख पांच मतों के अंतर से हार गए।

सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने, हालांकि खान के इस्तीफे की मांग खारिज कर दी। सूचना मंत्री शिबली फराज ने कहा, ‘‘विपक्षी नेताओं को शर्म आनी चाहिए। किस मुंह और चरित्र के साथ वे कह सकते हैं कि इमरान खान को इस्तीफा दे देना चाहिए या यह कहना चाहिए कि वे उनके खिलाफ कोई अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।’’

इस बीच, जियो टीवी के अनुसार खान ने इस स्थिति पर चर्चा करने के लिए पार्टी नेताओं की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई।

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सरकार और विपक्षी दोनों ही एकदूसरे पर इस चुनाव में धनबल के इस्तेमाल के आरोप लगा रहे हैं। संसद के ऊपरी सदन सीनेट के सदस्य छह वर्षों के कार्यकाल के लिए निर्वाचित होते हैं। मतदान 37 सीटों के लिए हुआ था। मतदान सुबह नौ बजे शुरू हुआ था और शाम पांच बजे तक चला।

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