मुंबई। कुछ बैंकों द्वारा फंसे कर्ज का नियमों के मुताबिक गणना कर उसकी पहचान करने से चिंतित रिजर्व बैंक ने सोमवार को कहा कि बैंकों को सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) आधारित प्रणाली के जरिये एक स्वचलित संपत्ति वर्गीकरण और प्रावधान निर्धारण प्रक्रिया को अपनाना चाहिये।
रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर में कहा है कि अगस्त 2011 में बैंकों को गैर- निष्पादित संपत्ति (एनपीए) की पहचान करने और नियामकीय रिपोर्टिंग और बैंक के खुद के प्रबंधन सूचना प्रणाली की जरूरतों के लिये संबंधित आंकड़े और रिटर्न तैयार करने के वास्ते उपयुक्त आईटी प्रणाली स्थापित करने की सलाह दी गई थी।
पढ़ें- वन मंत्री अकबर का निर्देश- ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले.
रिजर्व बैंक ने कहा है कि लेकिन यह देखा गया है कि एनपीए की पहचान, आय की पुष्टि, जरूरी प्रावधान और संबंधित रिटर्न तैयार करने के मामले में कई बैंकों में न अभी तक पूरी तरह से इसे स्वचलित नहीं किया है। रिजर्व बैंक ने अब इस काम के लिये बैंकों को 30 जून 2021 तक का समय दिया है।
पढ़ें- कारोबारी अनिल गुप्ता ने अपार्टमेंट की चौंथी मंजील स…
केन्द्रीय बैंक ने बैंकों से कहा है कि वह अपने सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली को अद्यतन करें ताकि संपत्ति वर्गीकरण को स्वचलित को एकरूपता दी जा सके। इसके साथ ही जरूरी प्रावधान की गणना और आय की पुष्टि की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके। सकुर्लर में कहा गया है कि बैंक का निवेश भी इस प्रणाली में कवर होना चाहिये। रिजर्व बैंक ने कहा है कि सपत्ति वर्गीकरण के नियमों को प्रणाली में शामिल किया जाना चाहिये।
मसालों में ईटीओ रसायन पर लगाम के लिए निर्यातकों को…
10 hours agoपंजाब एंड सिंध बैंक का शुद्ध लाभ मार्च तिमाही में…
10 hours ago