जनवरी में कृषि मजदूरों, ग्रामीण श्रमिकों के लिये नरम हुई खुदरा मुद्रास्फीति | Retail inflation softened for agricultural labourers, rural workers in January

जनवरी में कृषि मजदूरों, ग्रामीण श्रमिकों के लिये नरम हुई खुदरा मुद्रास्फीति

जनवरी में कृषि मजदूरों, ग्रामीण श्रमिकों के लिये नरम हुई खुदरा मुद्रास्फीति

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:31 PM IST, Published Date : February 19, 2021/4:14 pm IST

नयी दिल्ली, 19 फरवरी (भाषा) कृषि मजदूरों और ग्रामीण श्रमिकों के लिये जनवरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर क्रमश: 2.17 प्रतिशत और 3.25 प्रतिशत पर आ गयी। इसका मुख्य कारण कुछ खाद्य पदार्थों की कीमतें कम होना है।

दिसंबर 2020 में महंगाई की ये दरें क्रमशः 2.35 प्रतिशत और 3.34 प्रतिशत थीं।

श्रम मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘सीपीआई-एएल (कृषि मजदूरों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) और सीपीआई-आरएल (ग्रामीण मजदूरों के लिये उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) के आधार पर मुद्रास्फीति की बिंदु-दर-बिंदु दर घटकर जनवरी 2021 में 2.17 प्रतिशत और 2.35 प्रतिशत पर आ गयी। ये दरें इससे पहले दिसंबर 2020 में क्रमश: 3.25 प्रतिशत और 3.34 प्रतिशत थीं।’’

सीपीआई-एएल और सीपीआई-आरएल के खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति जनवरी 2021 में क्रमशः 1.02 प्रतिशत और 1.22 प्रतिशत रही।

जनवरी 2021 देशस्तरीय सीपीआई-एएल व सीपीआई-आरएल क्रमशः नौ अंक और आठ अंक घटकर 1,038 और 1,045 अंक पर आ गया।

कृषि श्रमिकों और ग्रामीण मजदूरों के सामान्य सूचकांक में गिरावट में प्रमुख योगदान खाद्य खंड का रहा। इसका कारण दालों, प्याज, आलू, फूलगोभी और बैंगन की कीमतों में आना है।

इस सूचकांक में गिरावट या वृद्धि एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होती है।

कृषि कामगारों के संदर्भ में 18 राज्यों में से एक से 20 अंक की गिरावट रही। केरल में इसमें 15 अंकों की तेजी रही, जबकि मध्य प्रदेश में सूचकांक स्थिर रहा।

ग्रामीण कामगारों के संदर्भ में 17 राज्यों में सूचकांक में दो से 20 अंक की गिरावट रही। दो राज्यों में सूचकांक में दो से 15 अंकों की तेजी रही, जबकि मध्य प्रदेश में यह स्थिर रहा।

भाषा सुमन मनोहर

मनोहर

 

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