मांग बढ़ने से सोयाबीन, पामोलीन सहित विभिन्न तेल-तिलहन कीमतों में सुधार | Various oil-oilseed prices including soyabean, palmolein improve as demand rises

मांग बढ़ने से सोयाबीन, पामोलीन सहित विभिन्न तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

मांग बढ़ने से सोयाबीन, पामोलीन सहित विभिन्न तेल-तिलहन कीमतों में सुधार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:24 PM IST, Published Date : February 20, 2021/10:46 am IST

नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) विदेशी बाजारों में तेजी के रुख और त्यौहारों के कारण स्थानीय मांग बढ़ने से दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में शनिवार को सोयाबीन, बिनौला, सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में लाभ दर्ज हुआ।

तेल उद्योग के जानकार सूत्रों के अनुसार, सूरजमुखी तेल की भारी मांग होने से इसकी कीमत वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व अन्य शुल्क समेत 165 रुपये किलो के रिकॉर्ड स्तर पर जा पहुंची है, जिसके भाव 6-8 महीने पहले सोयाबीन के आसपास थे। सूरजमुखी तेल का वैश्विक भाव मौजूदा समय में 1,455 डॉलर प्रति टन हो गया है, जो 6-8 महीने पहले 950 डॉलर के आसपास था। सूरजमुखी में आई तेजी के बाद वैश्विक स्तर पर सोयाबीन रिफाइंड और पामोलीन तेल की भी मांग बढ़ गई है। इसके अलावा सोयाबीन खली डीओसी (तेल रहित खल) की भी भारी मांग होने से सोयाबीन तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया।

उन्होंने कहा कि शिकागो एक्सचेंज में कल रात दो प्रतिशत की तेजी थी, जिसका स्थानीय तेल कीमतों पर अनुकूल असर हुआ।

मंडियों में पुराने सरसों की मांग बढ़ी है। सामान्य कारोबार के बीच सरसों और मूंगफली तेल कीमतें पूर्वस्तर पर बनी रहीं।

दूसरी ओर त्यौहारों के कारण हलवाइयों और नमकीन बनाने वाली कंपनियों की खाद्य तेलों की मांग बढ़ने से सोयाबीन व पामोलीन तेल की कीमतों में पर्याप्त सुधार आया। थोक विक्रेताओं की आपूर्ति पाइपलाइन करीब-करीब खाली होती जा रही है, जिससे इन तेलों की कीमतें सुधार दर्शाती बंद हुई।

मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में सोयाबीन के बढ़िया दाने की मांग बढ़ी है। वहां प्रसंस्करण इकाइयों को मंडियों से लगभग 5,200 रुपये क्विन्टल के भाव सीधा माल खरीदना पड़ रहा है। इसके अलावा सोयाबीन की बड़ियां बनाने वाली कंपनियां की मांग भी बढ़ी है और वे 6,000 रुपये क्विन्टल के भाव इनकी खरीद कर रही हैं।

उन्होंने कहा कि सोयाबीन की अगली फसल आने में अभी लगभग आठ माह की देर है और बरसात के कारण काफी मात्रा में फसल के खराब होने से चारे के लिए डीओसी की स्थानीय के साथ साथ निर्यात मांग बढ़ी है। इससे सोयाबीन में तेजी रही और इस परिस्थिति में अगले वर्ष इसके उत्पादन में वृद्धि का होने का अनुमान है।

बाजार में शुक्रवार को थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन – 6,395 – 6,445 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना – 5,760- 5,825 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 14,400 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,295 – 2,355 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 13,300 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,995 -2,145 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,125 – 2,240 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 11,250 – 15,250 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 12,550 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 12,250 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 11,250 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 10,450 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 11,300 रुपये।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 12,250 रुपये।

पामोलिन कांडला 11,300 (बिना जीएसटी के)

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी 5,110 – 5,140 रुपये, लूज में 4,950- 5,000 रुपये

मक्का खल (सरिस्का) 3,525 रुपये

भाषा राजेश राजेश सुमन

सुमन

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)