बांड पर प्राप्ति, वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा | Yield on bonds to be determined by macroeconomic data

बांड पर प्राप्ति, वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा

बांड पर प्राप्ति, वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी बाजार की दिशा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : February 28, 2021/8:40 am IST

नयी दिल्ली, 28 फरवरी (भाषा) दीर्घावधि में बांड पर प्राप्ति के रुख से लेकर कच्चे तेल की कीमतें तथा वृहद आर्थिक आंकड़े इस सप्ताह शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि शेयर बाजारों में कई दिन की गिरावट के बाद अब निवेशक कुछ ‘शांत’ रहेंगे।

इसके अलावा विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के निवेश के रुख, फरवरी के वाहन बिक्री के आंकड़ों, सेवा और विनिर्माण क्षेत्र के आंकड़ों पर भी निवेशकों की निगाहें रहेंगी। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में कोरोना वायरस की स्थिति से भी बाजार की दिशा प्रभावित हो सकती है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘‘कमजोर वैश्विक रुख के बीच बाजार में अभी गिरावट रहेगी। निवेशकों की बांड प्राप्ति, भूराजनीतिक तनाव और मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर रहेगी। इसके अलावा उनकी निगाह अमेरिका में नयी प्रोत्साहन घोषणा से जुड़े घटनाक्रमों पर भी रहेगी।’’

एक फरवरी को आम बजट पेश होने के बाद शेयर बाजारों में कई बार तेजी का सिलसिला चला। लेकिन बीते सप्ताह बाजार में बड़ी गिरावट आई। इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी तीन प्रतिशत से अधिक टूट गए। शुक्रवार को बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 1,940 अंक की जबर्दस्त गिरावट आई। यह सेंसेक्स में करीब 10 माह में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है।

कोटक सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष एवं बुनियादी शोध प्रमुख रुस्मिक ओझा ने कहा कि भारतीय बाजार में वैश्विक बांड प्राप्ति बढ़ने की तत्काल प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। निकट भविष्य में भारतीय बाजारों को वैश्विक स्तर पर ‘करेक्शन’ का दबाव भी झेलना पड़ सकता है। हालांकि, उसके बाद बाजार में सुधार आएगा।

सोमवार को बाजार दिसंबर तिमाही के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों पर भी प्रतिक्रिया देगा। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 0.4 प्रतिशत रही है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्रब्रंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) धीरज रेली ने कहा, ‘‘तीसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े हमारे 0.8 प्रतिशत की वृद्धि के अनुमान से कम हैं। हालांकि, कुछ अनुमानों में तो वृद्धि दर 1.4 से दो प्रतिशत रहने की बात कही गई थी। इन आंकड़ों से शेयर बाजार कुछ निराशा होगा।’’

विश्लेषकों ने कहा कि इसके अलावा बाजार की निगाह ब्रेंट कच्चे तेल के रुख तथा रुपये के उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी।

भाषा अजय अजय सुमन

सुमन

 

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