रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ चरणदास महंत ने नया थियेटर के वरिष्ठ कलाकारों में से एक प्रसिद्ध तबलावादक अमरदास मानिकपुरी के निधन पर शोक जताया है। महंत ने अमरदास मानिकपुरी के निधन को संगीत की दुनिया के लिए एक बड़ा झटका बताते हुए कहा कि मेरा उनसे पिछले लगभग 25 सालों से नजदीकी परिचय रहा। 6 महीने पहले उनसे भेंट करने उनके गांव कोलिहापुरी गया था। उन्हें बढ़ती उम्र से जुड़ी कुछ शिकायतें थीं पर यह कदापि नही लग रहा था कि इतनी जल्दी हमसे विदा ले लेंगे। उनके निधन से दुखी हूं।
बता दें कि नया थियेटर के वरिष्ठ कलाकारों में एक अमरदास मानिकपुरी का उनके गृहग्राम कोलिहापुरी, राजनांदगांव में 82 वर्ष की आयु में सोमवार 27 मई को निधन हो गया। विधानसभा अध्यक्ष महंत ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि वे कबीरपंथ के उपासक अमरदासजी को अपने चरण में स्थान दें और परिजन को इस आघात को सहन करने की शक्ति दे।
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गौरतलब है कि अमरदासजी ने अल्पायु में ही अपने पिता दर्शन दास मानिकपुरी की नाचापार्टी से अपनी कालयात्रा की शुरुआत की। बाद में वे छत्तीसगढ़ी नाचा के पुरोधा दाऊ मंदराजी के टीम में भी रहे, जहां से वे पिछली सदी के सातवें दशक में हबीब तनवीरजी के साथ उनके नाट्यदल नया थियेटर के सदस्य बन गए।
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नया थियेटर से कुछ साल पहले ही वे अपने गांव वापस आ गए थे, फिर भी वे उस दल की महत्वपूर्ण प्रस्तुतियों में बुलाने पर जाते ही थे। तबला, ढोलक, मांदर बजाने में वे अत्यधिक निपुण थे जिनकी थापों ने लगभग 50 सालों तक थियेटर की प्रस्तुतियों के द्वारा पूरी दुनिया मे छत्तीसगढ़ी लोक गीत संगीत से रसे पगे रचनाओं के जरिए धाक जमाई। उन्होंने दुनिया के तीस चालीस देशों की यात्राएं की थीं।