जयपुर। राजस्थान की गहलोत सरकार ने गुर्जर सहित राज्य की पांच जातियों को आरक्षण देने संबंधी एक विधेयक बुधवार को विधानसभा में पेश किया। यह विधेयक ऐसे समय में पेश किया गया है, जब गुर्जर समुदाय के लोग शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में 5 फीसदी आरक्षण की मांग को लेकर छह दिन से आंदोलन पर हैं।
विधानसभा में मंत्री बीडी कल्ला ने राजस्थान पिछड़ा वर्ग (राज्य की शिक्षण संस्थाओं में सीटों व राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों और पदों का आरक्षण) (संशोधन) विधेयक 2019 पेश किया। विधेयक पेश करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 2017 में इस संबंध में बने पुराने कानून में संशोधन के लिए विधेयक लाई है। इसके तहत अधिनियम की धारा तीन व चार में संशोधन प्रस्तावित है। इससे राज्य की सम्बद्ध शिक्षण संस्थाओं और पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राज्य के अति पिछड़े वर्ग को 5 फीसदी आरक्षण मिलेगा। इसी तरह राज्य के अधीन सेवाओं में नियुक्तियों और पदों में इस वर्ग के लिए 5 फीसदी आरक्षण होगा।
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विधेयक के अनुसार राज्य में पांच अति पिछड़ी जातियों (1) बंजारा/बालदिया/लबाना (2) गाडिया लोहार/ गाडोलिया (3) गुर्जर/गुजर (4) राइका/रैबारी/ देबासी (5) गडरिया/गाडरी/गायरी को 5 फीसदी आरक्षण के साथ राज्य में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को मौजूदा 21 फीसडी से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने का प्रावधान किया गया है।
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