नई दिल्ली। राफेल विमान डील से जुड़ी कैग की बहुप्रतीक्षित रिपोर्ट बुधवार को राज्यसभा में पेश कर दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि नए सौदे से 2.86 प्रतिशत की बचत हुई है। भारतीय वायुसेना में पूंजीगत अधिग्रहण के बारे में रखी गई यह रिपोर्ट दो भागों में है।
रिपोर्ट के पहले भाग में इसका विश्लेषण किया गया है कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के समय शुरू की गई खरीद प्रक्रिया में अंतिम समझौता क्यों नहीं हो सका। दूसरे भाग में मौजूदा सौदे की प्रक्रिया तथा अन्य बातों का विश्लेषण किया गया है। इसमें कहा गया है कि पुराने प्रस्तावित सौदे की तुलना में नए सौदे में 2.86 प्रतिशत की बचत हुई है। हालांकि इस रिपोर्ट में विमान की कीमत नहीं बताई गई है।
कैग के अनुसार, पुराने सौदे के परवान नहीं चढ़ने के दो कारण रहे। पहला यह कि यह काफी बड़ा ऑर्डर था और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण भी होना था, इसलिए इसमें ज्यादा श्रमबल की आवश्यक्ता थी। दूसरा कारण यह बताया गया है कि पुराने सौदे में जो 108 विमान भारत में बनने थे, उसके लिए राफेल विमान बनाने वाली कंपनी दासो एविएशन ‘प्रदर्शन की गारंटी’ देने के लिए तैयार नहीं था।
रिपोर्ट पेश होने के बाद अरुण जेटली ने ट्वीट किया कि ‘सत्यमेव जयते.. सत्य की हमेशा जीत होती है। राफेल मुद्दे पर कैग की रिपोर्ट ने इसकी पुष्टि की है।’ उन्होंने आगे कहा कि 2016 बनाम 2007… कम कीमत, त्वरित आपूर्ति, बेहतर रखरखाव, महंगाई के आधार पर कम वृद्धि।
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अपने ट्वीट में जेटली ने कहा, ‘यह नहीं कहा जा सकता है कि उच्चतम न्यायालय गलत है, कैग गलत है और केवल ‘परिवार सही है। बता दें कि राफेल डील को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सहित विभिन्न विपक्षी दल सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।
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