चैत्र नवरात्र : दंतेश्वरी मंदिर में जलाए जाएंगे तेल और घी के दीपक, देखिए इस बार कैसी रहेगी व्यवस्था | Chaitra Navratri: lamps of oil and ghee to be lit in Danteshwari temple See how the system will be this time

चैत्र नवरात्र : दंतेश्वरी मंदिर में जलाए जाएंगे तेल और घी के दीपक, देखिए इस बार कैसी रहेगी व्यवस्था

चैत्र नवरात्र : दंतेश्वरी मंदिर में जलाए जाएंगे तेल और घी के दीपक, देखिए इस बार कैसी रहेगी व्यवस्था

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : March 25, 2020/4:23 am IST

दंतेवाड़ा। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए प्रधानमंत्री के 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा का असर प्रख्यात और सिद्ध मंदिरों पर भी पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर में नवरात्र में भक्तों का प्रवेश वर्जित रहेगा। चैत्र नवरात्र के शुभारंभ के दिन आज से दंतेश्वरी मंदिर में केवल २ ही दीये ही जलाए जाएंगे। एक तेल का और एक घी का दीया जलाया जाएगा।

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हर साल चैत्र नवरात्र के मौके पर यहां सैकड़ों दीपक जलाए जाते हैं। कोरोना वायरस के चलते मंदिर समिति ने मात्र 2 दीपक ही जलाने का फैसला किया है। आम लोगों के लिए मंदिर अभी बंद रहेंगे। माता की पूजा केवल पुजारी ही कर सकेंगे ।

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चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा आज यानि 25 मार्च से शुरु हो रही है। चैत्र वासंती नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है। आज से नौ दिनोंतक पूरे विधि-विधान के साथ मां दुर्गा की पूजा अर्चना की जायेगी। इसी तिथि से हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत2077 भी शुरू हो गया है। ब्रह्म पुराण के मुताबिक ब्रह्मा ने इसी संवत में सृष्टि के निर्माण की शुरुआत की थी। चैत्र नवरात्रि में भगवान विष्णु के दो-अवतार मत्स्यावतार और रामावतार होता है। साथ ही सूर्योपासना का पर्व चैती छठ,भगवान राम व हनुमानजी का पूजन भी होता है।

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इस बार किसी तिथि का क्षय नहीं है। चैत्र नवरात्र में पूरे नौ दिनों तक मां दुर्गा की पूजा, अर्चना व व्रत का अवसर भक्तों को मिलेगा। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते श्रद्धालुओं से अपेक्षा है कि वह घर पर मां की आराधना करें। देवी मंदिरों में इस बार नवरात्र पर भक्तों की भीड़ नहीं रहेगी। इस नवरात्र भजन संध्या व देवी जागरण के कार्यक्रम नहीं होंगे। भक्त घर पर ही विधिविधान से कलश स्थापना करके आदि शक्ति की आराधना कर सकेंगे। भक्तों को घर में देवी के चित्र के सामने श्रद्धा भाव से आराधना करनी चाहिए। साथ ही दुर्गासप्तशती व नवदुर्गा का पाठ परिवार के साथ करना चाहिए। पहले दिन देवी शैलपुत्री की पूजा-अर्चना होगी। पूरे देश के सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक संस्थाओं ने नवरात्र पर्व पर घर में ही पूजन-अर्चन की अपील की है।

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घट स्थापना का मुहूर्त घट स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रात: 6.19 बजे से 07.17 बजे तक रहेगा। चौघड़िया मुहूर्त सुबह 6:05 से 7:36 तक और अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:44 से दोपहर 12:33 तक रहेगा।