वैक्सीन की बर्बादी...राज्य-केंद्र में खिंची तलवार! राहत की डोज पर आंकड़ों की बाजीगरी से जनता को क्या हासिल होगा? | Clash Between Central and State Government on wastage of Vaccine

वैक्सीन की बर्बादी…राज्य-केंद्र में खिंची तलवार! राहत की डोज पर आंकड़ों की बाजीगरी से जनता को क्या हासिल होगा?

वैक्सीन की बर्बादी...राज्य-केंद्र में खिंची तलवार! राहत की डोज पर आंकड़ों की बाजीगरी से जनता को क्या हासिल होगा?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:11 PM IST, Published Date : May 27, 2021/5:59 pm IST

रायपुर: कोरोना वैक्सीन को लेकर छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के बीच टकराव जारी है। टीका की सप्लाई पर दोनों के बीच विवाद थमा भी नहीं था, कि अब वैक्सीन की बर्बादी पर दोनों आमने-सामने हैं। केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए दावा किया कि छत्तीसगढ़ उन पांच राज्यों में दूसरे पायदान पर है, जिसने सबसे ज्यादा वैक्सीन की बर्बादी कर दी है। जिसपर छत्तीसगढ़ सरकार ने पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र के आंकड़े गलत हैं, यहां वैक्सीन का वेस्टेज 1 फीसदी से भी कम है। बर्बादी पर केंद्र और राज्य के अलग-अलग दावों के बीच आरोप-प्रत्यारोप की सियासत पूरे उफान पर है।

Read More: पहले गर्भवती के साथ किया गैंगरेप, घी का डिब्बा देने का लालच देकर कहा किसी को मत बताना

वैक्सीनेशन को लेकर केंद्र और छत्तीसगढ़ सरकार एक बार फिर आमने-सामने है। इस बार दोनों के बीच विवाद का मुद्दा है- वैक्सीन की बर्बादी। दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने टीकाकरण अभियान के दौरान कोरोना वैक्सीन बर्बादी के आंकड़े जारी करते हुए जानकारी दी कि छत्तीसगढ़ में 30.2 प्रतिशत वैक्सीन खराब हुई है। यानी यहां कोरोना वैक्सीन का हर तीसरा डोज वेस्ट किया गया। आंकड़े सामने आने के तुरंत बाद ही प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने टीएस सिंहदेव ने ट्वीट किया कि केंद्र के पोर्टल में टीके के बर्बादी प्रतिशत में तकनीकी त्रुटि है, जो आंकड़े सामने आए वो सरासर गलत है। प्रदेश में अब तक केंद्र की ओर से भेजी गई वैक्सीन में से केवल 0.81 प्रतिशत ही खराब हुई है। उन्होंने ये भी दावा किया कि छत्तीसगढ़ वैक्सीन लगाने के मामले में सबसे आगे है। वैक्सीन की बर्बादी पर सत्तारूढ़ कांग्रेस अब उलटे केंद्र के आंकड़ों पर ही सवाल खड़े कर रही है।

Read More: पत्नी ने कहा आज मूड नहीं तो पति ने मार दी गोली, 10 साल पहले भाई की मौत के बाद भाभी से कर ली थी शादी

प्रदेश सरकार ने वैक्सीन की बर्बादी के आंकड़ों को गलत ठहराते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखकर जवाब दिया कि 45 से ऊपर आयु वर्ग के लिए केंद्र की ओर से दिए गए टीके का वेस्टेज 0.81 फीसदी है, जबकि 18-44 वर्ग के राज्य कोटे के वैक्सीन का वेस्टेज प्रतिशत केवल 0.63 है। जो कि राष्ट्रीय औसत 6.3 फीसदी से कहीं बेहतर है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि दायां हाथ क्या कर रहा है बाएं हाथ को पता नहीं। जिस पर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने पलटवार किया कि मुख्यमंत्री सही कह रहे हैं, छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य मंत्री क्या करते हैं उन्हें पता नहीं होता है।

Read More: छत्तीसगढ़ में 50 हजार से नीचे आया एक्टिव मरीजों का आंकड़ा, आज 69 संक्रमितों की मौत, 2824 नए मामले आए सामने

बर्बादी के आंकड़ों पर दावों और नेताओं की बयानबाजी के बीच आईबीसी 24 ने प्रदेश के वैक्सीन सेंटर पहुंचकर पूरे प्रक्रिया का जायजा भी लिया। वैक्सीन की बर्बादी पर केंद्र और राज्य सरकार के अपने-अपने दावे है, लेकिन इसे लेकर कई सवाल जरूर उठ रहे हैं। आखिर क्यों हो रही है वैक्सीन की बर्बादी ? वैक्सीन की बर्बादी के लिए कौन जिम्मेदार ? केंद्र और राज्य सरकार के आंकड़े अलग-अलग क्यों हैं ? और अगर सरकारें वैक्सीन की वेस्टेज पर बहस करते रहेंगे, तो कोरोना की तीसरी लहर से कैसे लड़ेंगे? और सवाल ये भी कि राहत की डोज पर आंकड़ों की बाजीगरी से जनता को क्या हासिल होगा?

Read More: क्या यही हैं अच्छे दिन, मोदी सरकार के गलत फैसलों से महंगाई डायन खाए जात है -कांग्रेस