सीएम भूपेश बघेल ने ली ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की बैठक, सिंचाई पंपों के ऊर्जीकरण का कार्य तेजी से करने के दिए निर्देश | CM Bhupesh Baghel took the meeting of the officials of the Energy Department, gave instructions to expedite the work of energization of irrigation pumps

सीएम भूपेश बघेल ने ली ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की बैठक, सिंचाई पंपों के ऊर्जीकरण का कार्य तेजी से करने के दिए निर्देश

सीएम भूपेश बघेल ने ली ऊर्जा विभाग के अधिकारियों की बैठक, सिंचाई पंपों के ऊर्जीकरण का कार्य तेजी से करने के दिए निर्देश

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : June 29, 2021/2:51 pm IST

रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि वनांचल में नदियों के किनारे विद्युत लाईन बिछाकर किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जल्द ही कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश के आकांक्षी जिलों विशेषकर बस्तर, सरगुजा अंचल सहित कोरबा जिले में नदियों के किनारे विद्युत लाईन के विस्तार के काम में डीएमएफ फंड का उपयोग किया जाए। इससे किसानों को जहां सिंचाई सुविधा मिलेगी, वहीं उनके जीवन स्तर ऊपर उठाया जा सकेगा। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित ऊर्जा विभाग के कार्यों की समीक्षा कर रहे थे।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के पानी का उपयोग करने से भू-जल का दोहन रूकेगा, वहीं सतही जल के उपयोग से बिजली की खपत कम होगी। उन्होंने कहा कि बस्तर अंचल में इन्द्रावती नदी, सुकमा में शबरी नदी, कोरबा में हसदेव नदी, दंतेवाड़ा में नदी किनारे विद्युत लाईन बिछाने का कार्य प्राथमिकता से किए जाएं। इसके लिए इन जिलों के कलेक्टरों से सम्पर्क कर जल्द कार्य योजना तैयार की जाए। वनांचल क्षेत्रों में जहां विद्युत सुविधा उपलब्ध नहीं है, वहां किसानों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए उन्होंने सौर सुजला योजना में सोलर पंप उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, विशेष सचिव ऊर्जा और छत्तीसगढ़ पॉवर कंपनियों के अध्यक्ष अंकित आनंद सहित बिजली कंपनियों के अधिकारी उपस्थित थे।

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मुख्यमंत्री ने किसानों के सिंचाई पंपों के ऊर्जीकरण का कार्य तेजी से करने के निर्देश दिए। ज्ञातव्य है कि मुख्यमंत्री बघेल द्वारा बजट सत्र 2021 के दौरान किसानों के 35 हजार 161 सिंचाई पंपों के ऊर्जीकरण की घोषणा की गई है। बैठक में ऊर्जा विभाग के विशेष सचिव अंकित आनंद ने बताया कि इसमें से 11 हजार 661 सिंचाई पंपों को बिजली कनेक्शन दे दिए गए हैं और 23 हजार 500 सिंचाई पंपों को कनेक्शन देने का काम चल रहा है। यह कार्य नवम्बर के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में विद्युत अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण के लिए चलाई जा रही मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि अगले तीन वर्षों में योजना के तहत 817 करोड़ रूपए व्यय कर 33/11 के.व्ही. के 112 नये उपकेन्द्र बनाए जाएंगे, 166 पावर टंªासफार्मर की क्षमता बढ़ाई जाएगी। 3020 किलोमीटर 33 के.व्ही. लाइन और 1715 किलोमीटर 11 के.व्ही. लाइन का विस्तार किया जाएगा। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के अंधियारखोर और आमाडांड में 2 उपकेन्द्रों का निर्माण अगस्त 2021 तक और कोरिया जिले के कटघोड़ी के विद्युत उपकेन्द्र का निर्माण दिसम्बर तक पूर्ण होगा। बैठक में बताया गया कि विद्युत कम्पनियों मंे 129 लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी गई है। बैठक में लो वोल्टेज समस्या के निराकरण और हॉफ बिजली बिल योजना, स्थानीय लोगों को रोजगार सहित विभिन्न कार्यों की समीक्षा की गई। 

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मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि वनांचल में किसानों को सिंचाई सुविधा देने के लिए इन क्षेत्रों के कलेक्टरों को डीएमएफ के जरिए किसानों के खेतों में बोर खनन कराने के लक्ष्य भी दिए जाएं। इसी प्रकार जिन स्थानों पर वृक्षारोपण किया जाना है, वहां डीएमएफ से बोर खनन की व्यवस्था कर सोलर पंप उपलब्ध कराएं जाए। उन्होंने कहा कि सोलर सामुदायिक सिंचाई योजना को पारम्परिक तालाबों से जोड़ा जाए। जहां तालाब नही है, वहां मनरेगा से तालाब निर्माण कराया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि गांवों, कस्बों, नगरीय निकायों में सोलर हाई मास्ट स्थापना के लिए डीएमएफ की राशि का उपयोग किया जाए। इसी प्रकार विधायक निधि का उपयोग भी सोलर मास्ट लाईट की स्थापना में किया जा सकता है। उन्होंने बैठक में कहा कि नदी और एनीकट के समीप स्थित तालाबों को सोलर पंप से भरे जाने, बायोगैस संयंत्र की स्थापना, सौर ऊर्जा प्लांट, सोलर पेयजल योजना, जल जीवन मिशन के तहत स्वीकृत कार्यो, बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के तहत किए जा रहे विभिन्न अनुसंधान कार्य की प्रगति की समीक्षा की गई। 

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बैठक में बताया गया कि उपभोक्ता सेवा हेतु सीएसपीडीसीएल द्वारा बनाए गए मोर बिजली एप को 6 लाख 70 हजार से ज्यादा बिजली उपभोक्ता उपयोग में ला रहे हैं। इसकी बढ़ती लोकप्रियता को गूगल ने 4.4 स्टार रेटिंग दी है। एप के माध्यम से माह नवम्बर से अब तक 2 लाख 82 हजार से अधिक बिजली बंद होने की शिकायतों का निराकरण किया गया है, वहीं एप से 8 लाख 70 हजार से अधिक बिजली बिल का भुगतान किया गया है।

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