कोरबा । मंगलवार को कोरबा में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सारकेगुड़ा फर्जी एनकाउंटर मामले में कहा कि 17 लोगों की मौत बड़ी घटना थी। जो भी तथ्य सामने आएंगे उसका परीक्षण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर मामले में कार्रवाई होगी। रिपोर्ट लीक को लेकर विपक्षी दल भाजपा के हो-हल्ला मचाने पर कहा कि सीएम ने कहा कि जब वे सत्ता में थे तब मौन थे। अब हल्ला मचा रहे हैं।
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यहां बताना होगा कि 28 जून, 2012 को बिजापुर जिले के सारकेगुड़ा में हुई कथित मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने 17 नक्सलियों को मार गिराया था। मामले में फर्जी एनकाउंटर के आरोप लगे थे। कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष रहे नंदकुमार पटेल भी सारकेगुड़ा पहुंचे थे।
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डा. रमनसिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। जस्टिस विजय कुमार अग्रवाल ने 7 साल की सुनवाई के बाद 17 अक्टूबर को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इसे विधानसभा में पेश किया जाना है। रिपोर्ट के कुछ हिस्से लीक हुए हैं। जिसमें यह कहा गया है कि सुरक्षा बल यह साबित नहीं कर पाए हैं, कि मारे गए लोग नक्सली थे। रिपोर्ट में पुलिस की जांच को दोषपूर्ण बताया गया है। उन्होंने कहा कि लेमरू एलीफेंट रिजर्व को विकसित करने का काम जल्द ही प्रारंभ कर दिया जाएगा।
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