आंकड़ों में भूल सुधार...मौत पर वार पलटवार! क्या है मौत के आंकड़ों के पीछ का सच? | Correction in the figures... Counterattack on death! What is the truth behind the death figures?

आंकड़ों में भूल सुधार…मौत पर वार पलटवार! क्या है मौत के आंकड़ों के पीछ का सच?

आंकड़ों में भूल सुधार...मौत पर वार पलटवार! क्या है मौत के आंकड़ों के पीछ का सच?

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:49 PM IST, Published Date : July 13, 2021/6:19 pm IST

भोपाल: 11 जुलाई तक मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार कोरोना से 9 हजार 27 लोगों को मौत के आंकड़े दे रही थी। 12 जुलाई को 1 हजार 478 का बैकलॉग जुड़ने के बाद ये आंकड़ा 10 हजार 506 तक पहुंच गया। मौत के नये आंकड़े सामने आने के बाद कांग्रेस एक बार फिर हमलावर है। कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार को घेरा तो, उसे जवाब में सत्ता पक्ष की अपनी दलील है। अब सवाल ये है कि मौत के आंकड़ों के पीछ का सच क्या है? आखिर इसे लेकर कब तक सियासत होती रहेगी?

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ये मध्यप्रदेश सरकार का वो चौकाने वाला आंकड़ा है, जिसके जरिए कांग्रेस विधानसभा के आगामी सत्र में बवाल काटने जा रही है। दरअसल कांग्रेस लंबे अर्से से ये दावा करते आ रही है कि मध्यप्रदेश में कोविड की वजह से सवा लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हुई है। लेकिन बीजेपी सरकार के आंकड़े इसके उल्टे हैं। सरकार की रिपोर्ट कहती है कि प्रदेश में जनवरी 2019 से मई 2021 तक 10 हजार 506 मौतें हुईं हैं। ये आंकड़े तब आए जब इसमें 24 घंटे पहले 1478 गुमनाम मौतों को एक सरकारी आदेश के बाद जोड़ा गया। जाहिर है मौतों के आंकड़े में इस अपडेट के बाद कांग्रेस सरकार पर हमलावर है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट किया कि ये उसी सरकार का आंकड़ा हैं जो ‘आपदा में उत्सव’ और धन्यवाद का तमाशा कर रही है। कोई कितनी भी ताकत, जुल्म और बेशर्मी से सच को छुपाने की कोशिश करे, सच सामने आ ही जाता।

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दरअसल 24 घंटे पहले तक मध्यप्रदेश में कोरोना की पहली औऱ दूसरी लहर में मरने वालों की संख्या सिर्फ 9 हजार 28 ही थी। लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के दबाव के बाद सरकार ने जिलों से गुमनाम मौतों के आंकड़े अपडेट किए तो साफ हुआ कि 1478 ऐसे नाम थे जो कोविड मौतों के तौर पर अपडेट नहीं थे। हालांकि कांग्रेस के आरोपों पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग कहते हैं मौतों के आंकड़े हम क्यों छुपाएंगे। निजी अस्पतालों की मौतों, दूसरे जिले के मरीज की दूसरे जिलों में हुई मौतों के 1478 मामले थे जिन्हें अपडेट किया है।

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कुल मिलाकर ये तय है कि कांग्रेस इस मसले को आसानी से ठंडा नहीं होने देगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने तेवर दो महीने पहले ही साफ कर दिए थे। जब उन्होंने मध्यप्रदेश की सरकार पर कोविड की मौतों को छिपाने का सनसनीखेज़ आरोप लगाया था। उन्होंने दावा किया था कि प्रदेश में सवा लाख से ज्यादा मौतें कोविड की हुईं हैं जिन्हें सरकार ने छिपाया है। अब अगले महीने विधानसभा सत्र प्रस्तावित है। ऐसे में विपक्ष ने कोविड से हुई मौतों के मामले में सरकार को घेरने के लिए तगड़ी रणनीति बनाई है। कुल मिलाकर सोशल मीडिया और सड़क पर मचे बवाल के बाद मौत के आंकड़ों पर सदन में हंगामा तय है।

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