समझौता ब्लास्ट केस में 12 साल बाद फैसला आज, धमाके में मारे गए 68 लोग | decision today on samjhauta express blast case

समझौता ब्लास्ट केस में 12 साल बाद फैसला आज, धमाके में मारे गए 68 लोग

समझौता ब्लास्ट केस में 12 साल बाद फैसला आज, धमाके में मारे गए 68 लोग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : March 14, 2019/3:14 am IST

नई दिल्ली। समझौता ब्लास्ट केस में आज फैसला आ सकता है। पंचकुला में NIA की विशेष अदालत ने 2007 में हुए समझौता ट्रेन विस्फोट मामले में सोमवार को फैसला 14 मार्च गुरुवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। बता दें, कि इस विस्फोट में कुल 68 लोग मारे गए थे। इस मामले में एक वकील ने एक आवेदन दायर करते हुए कोर्ट से कहा है, कि पाकिस्तानी गवाह अदालत में पेश होना चाहते हैं, जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। ये आवेदन राहिल वकील की ओर से दिया गया है।

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करीब 12 साल पहले हुए बहुचर्चित समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट में सुनवाई पूरी हुई। सुनवाई के दौरान 3 आरोपी लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंदर चौधरी के साथ मुख्य आरोपी असीमानंद भी पेश किया गया।

पहले फैसला टलने का कारण यह था कि एक पाकिस्तानी गवाह ने कोर्ट में एक पिटीशन दाखिल की थी, जिसपर कार्यवाही करने के लिए दो दिन का समय लिया गया है। बताया गया कि पानीपत के एक गवाह मोमीन मलिक ने धारा 311 के तहत एक अर्जी लगाई है। इस अर्जी में पाकिस्तान के एक पीड़ित परिवार व कुछ और लोगों की गवाही करवाने की अपील की गई है। इस अर्जी पर सुनवाई के लिए 14 मार्च की तारीख तय की है

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18 फरवरी 2007 को भारत-पाकिस्तान के बीच हफ्ते में दो दिन चलने वाली ट्रेन संख्या 4001 अप अटारी (समझौता) एक्सप्रेस में दो आईईडी धमाके हुए, जिसमें 68 लोगों की मौत हो गई थी। यह हादसा रात 11.53 बजे दिल्ली से करीब 80 किलोमीटर दूर पानीपत के दिवाना रेलवे स्टेशन के पास हुआ। धमाकों की वजह से ट्रेन में आग लग गई और इसमें महिलाओं और बच्चों समेत कुल 68 लोगों की मौत हो गई जबकि 12 लोग घायल हुए। 19 फरवरी को जीआरपी/एसआईटी हरियाणा पुलिस ने मामले को दर्ज किया और करीब ढाई साल के बाद इस घटना की जांच का जिम्मा 29 जुलाई 2010 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए को सौंपा गया।

जांच में यह साबित हुआ कि अटारी एक्सप्रेस (समझौता एक्सप्रेस) 18 फरवरी 2017 को रात 10 बज कर 50 मिनट पर दिल्ली से अपने गंतव्य अटारी (पंजाब) के लिए निकली। रात 11 बजकर 53 मिनट पर हरियाणा में पानीपत के पास दिवाना स्टेशन से गुजरते हुए इसके दो जनरल डिब्बों (जीएस 03431 और जीएस 14857) में दो बम धमाके हुए जिससे इन डिब्बों में आग लग गई। इस हादसे में चार अधिकारियों समेत कुल 68 लोगों की मौत हुई और 12 लोग घायल हुए

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धमाके के बाद इसी ट्रेन के अन्य डिब्बे से बम से लैस दो सूटकेस बरामद हुए। इनमें से एक को डिफ्य़ूज कर दिया गया जबकि दूसरे को नष्ट किया गया। शुरुआती जांच में यह पता चला कि ये सूटकेस मध्य प्रदेश के इंदौर स्थित कोठारी मार्केट में अभिनंदन बैग सेंटर के बने थे, जिसे अभियुक्त ने 14 फरवरी 2007 को खऱीदा था। यानी कि हमले से ठीक चार दिन पहले। एनआईए की जांच में यह भी पता चला कि जिन लोगों ने हमला किया वो देश के विभिन्न मंदिरों पर हुए चरमपंथी हमलों से भड़के हुए थे। इनमें गुजरात के अक्षरमधाम मंदिर (24.09.2002) और जम्मू के रघुनाथ मंदिर में हुए दोहरे धमाके (30 मार्च और 24 नवंबर 2002) और वाराणसी के संकटमोचन मंदिर (07 मार्च 2006) शामिल हैं।

 
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