धमतरी, छत्तीसगढ़। सरकार नशे पर नियंत्रण के लिए खुद को प्रतिबद्ध बताती है। नियंत्रण के नाम पर शराब दुकानों की संख्या में कमी की जाती है। लेकिन जमीनी स्तर पर सरकार के इन कदमों का कोई असर नहीं पड़ रहा है। दुकाने भले ही कम की जाएं, लेकिन शराब की खपत में लगातार इजाफा हो रहा है।
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धमतरी जिले की बात करें तो यहां के मयकश बीते 10 माह में सवा सौ करोड़ का सोमरस गटक गए। यानी के लगभग 34 लाख लीटर। जरा आंकड़ो में विस्तार से समझते हैं अप्रैल 2019 से अब तक 25 लाख लीटर देसी शराब बिकी और 9 लाख लीटर अंग्रेजी शराब की बिक्री हुई वहीं 5 लाख लीटर बीयर लोग पी गए।
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इस पूरी बिक्री से सरकार ने 125 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल किया है। वैसे अभी भी धमतरी में शराब बिक्री अपने लक्ष्य से काफी पीछे है। क्योंकि इस साल में धमतरी में कुल 207 करोड़ 96 लाख की शराब बेचने का लक्ष्य रखा गया था। आपको यहां ये भी बता दें, जिले में बीते बरस के मुकाबले इस साल अभी तक। 5 फीसदी राजस्व अधिक हासिल किया गया है। यहां ये भी बताना जरूरी है कि अंग्रेजी शराब की खपत में बीते बरस के मुकाबले दोगुनी बढ़ोतरी हुई है जबकि शराब दुकानों की संख्या पहले से एक कम ही रही।
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सन 2018-19 में कुल 29 लाख लीटर देशी शराब बिकी। इसी साल कुल 5 लाख लीटर अंग्रेजी शराब बिकी। इस साल बियर की बिक्री 4 लाख लीटर रही। इस साल में जिले में कुल 27 दुकानें थी। इस बिक्री से कुल 181 करोड़ 13 लाख का राजस्व मिला जबकि लक्ष्य 181 करोड़ का था।
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इधर सन 2019-20 के बीते 10 माह के आंकड़े देखें तो अब तक कुल 25 लाख लीटर देसी शराब बिकी। अब तक कुल 9 लाख लीटर अंग्रेजी शराब की बिक्री हुई। कुल 5 लाख लीटर बियर बिकी। इस बार दुकानें सिर्फ 26 ही हैं। 10 माह में कुल राजस्व 125 करोड़ रूपए सरकारी खजाने में पहुंचे। इस तरह से धमतरी के शराब शौकीनो ने अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा शराबखोरी के जरिये सरकारी खजाने तक पहुंचाया।
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