पेंड्रा: मरवाही उपचुनाव के लिए चुनावी प्रचार को शोर गुल आज शाम से थम चुका है, लेकिन दूसरी ओर सियासी बयानबाजी का दौर लगातार जारी है। इसी बीच रेणु जोगी ने देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा के दावों को खारिज करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि मैं कांग्रेस में कदापि वापस नही जाऊंगी। जिस तरह कांग्रेस ने जोगी का अपमान किया वापसी का प्रश्न ही नहीं उठता। बता दें कि जेसीसीजे विधायक देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा ने रविवार सुबह प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किया था। साथ ही यह भी कहा था कि डॉ रेणु जोगी की इच्छा कांग्रेस में जाने की है।
गौरतलब है कि मंत्री जयसिंह अग्रवाल, विधायक देवव्रत सिंह और विधायक प्रमोद शर्मा ने आज संयुक्त प्रेस कान्फ्रेंस की। इस दौरान देवव्रत सिंह ने कहा कि मरवाही उपचुनाव में बीजेपी को समर्थन देने के लिए अमित जोगी ने कोर कमेटी के किसी सदस्य से पूछकर निर्णय नहीं लिया। उन्होंने कहा कि हम मरवाही की जनता से कांग्रेस को वोट देने की अपील करेंगे। विधायक देवव्रत सिंह ने अपने बयान में कहा कि आज जोगी की समाधि तक की हालत खराब है, ये उनके नाम पर न्याय मांगने निकले हैं। समाधि की हालत देखकर मुझे दुख हुआ। हम दोनों विधायक कांग्रेस को समर्थन देने आए हैं। महासमुंद लोकसभा चुनाव में वहां की जनता ने कांग्रेस को समर्थन दिया। इस चुनाव में यदि विचारधारा की लड़ाई है तो हम मरवाही की जनता के पास जाकर कांग्रेस को वोट देने की अपील करेंगे।
विधायक देवव्रत सिंह ने कहा कि अजीत जोगी के पास जाति प्रमाण पत्र था, तब भाजपा सुप्रीम कोर्ट तक उनके खिलाफ गयी, आज पता नही क्यों समझौता हो गया। देवव्रत सिंह ने कहा कि कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार अच्छा काम कर रही है। देवव्रत ने कहा कि रेणू जोगी इच्छा कांग्रेस में जाने की है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारा कांग्रेस में शामिल होना हाईकमान पर निर्भर है। देवव्रत ने कहा कि मुझे कांग्रेस ने बहुत कुछ दिया।
वहीं दूसरी ओर देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा का कांग्रेस को समर्थन देने का ऐलान किए जाने के बाद धरमजीत सिंह ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि हम मरवाही के चुनावी मैदान में दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मान-सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। मैं देवव्रत सिंह और प्रमोद शर्मा को चुनौती देता हूं कि कल सुबह कांग्रेस जॉइन करें और जेसीसीजे से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ें। दोनों विधायक सत्ता लोभी हैं। इसलिए कांग्रेस सरकार का भोपू बनकर समर्थन करने आए हैं। 3 नवम्बर तक पार्टी इंतेज़ार करेगी, फिर कार्रवाई पर पार्टी विचार करेगी।
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