शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन, सुख शांति की देवी स्कंदमाता की पूजा से होती है बृहस्पति ग्रह की अशुभता दूर | Fifth day of Sharadiya Navratri Worship of the goddess of peace and peace is done by removing the inauspiciousness of the planet Jupiter

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन, सुख शांति की देवी स्कंदमाता की पूजा से होती है बृहस्पति ग्रह की अशुभता दूर

शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन, सुख शांति की देवी स्कंदमाता की पूजा से होती है बृहस्पति ग्रह की अशुभता दूर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : October 21, 2020/2:25 am IST

धर्म। आज शारदीय नवरात्र का पांचवां दिन है । आज के दिन मां के पांचवें रुप स्कंदमाता की पूजा की जा रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिन लोगों की जन्म कुंडली में बृहस्पति ग्रह कमजोर होता हैं वो अगर इस दिन स्कंदमाता की पूजा करते हैं तो बृहस्पति की अशुभता दूर होती है। वहीं बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है। बृहस्पति ग्रह शिक्षा, उच्चपद और मान सम्मान का कारक है।

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नवरात्रि के पांचवें दिन स्कन्दमाता शेर पर सवार होकर आती हैं। स्कन्दमाता की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे इस मृत्युलोक में परम शांति का अनुभव होने लगता है। माता की कृपा से उसके लिए मोक्ष के द्वार खुल जाते हैं। स्कन्दमाता को पद्मासना देवी भी कहा जाता है। इनकी गोद में कार्तिकेय बैठे होते हैं इसलिए इनकी पूजा करने से कार्तिकेय की पूजा अपने आप हो जाती है।

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स्कन्दमाता की पूजा करने से वंश आगे बढ़ता है और संतान संबधी सारे दुख दूर हो जाते हैं। घर-परिवार में हमेशा खुशहाली रहती है। कार्तिकेय की पूजा से मंगल भी मजबूत होता है। मां स्कंदमाता को सुख शांति की देवी माना गया है।