गहलोत सरकार ने सदन में जीता विश्वास मत, सचिन पायलट बोले- 'सभी संदेह पर पूरी तरह से लगा विराम' | Gehlot government wins confidence vote in the house, Sachin Pilot said - 'all doubts completely stopped'

गहलोत सरकार ने सदन में जीता विश्वास मत, सचिन पायलट बोले- ‘सभी संदेह पर पूरी तरह से लगा विराम’

गहलोत सरकार ने सदन में जीता विश्वास मत, सचिन पायलट बोले- 'सभी संदेह पर पूरी तरह से लगा विराम'

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : August 14, 2020/12:45 pm IST

जयपुर। राजस्‍थान में अशोक गहलोत सरकार ने आज सदन में विश्वास मत जीत लिया है। शुक्रवार को सरकार की ओर से विधानसभा में विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश किया गया, जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष की ओर से जोरदार बहस हुई। सीएम गहलोत के सदन में अपनी बात रखने के बाद विश्वास प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसी के साथ स्पीकर सीपी जोशी ने 21 अगस्त सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया।

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सत्र के बाद सचिन पायलट ने कहा, ‘सरकार की ओर से विधानसभा में जो विश्वास प्रस्ताव लाया गया वो बहुत अच्छे बहुमत के साथ पारित हो गया है। विपक्ष की ओर से काफी प्रयास के बावजूद परिणाम सरकार के पक्ष में हैं। इसी के साथ उन सभी संदेह पर पूरी तरह से विराम लग गया जो लगातार उठ रहे थे। जो मुद्दे उठाए जा रहे थे उन सभी मुद्दों के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि रोडमैप का ऐलान समय पर किया जाएगा।

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विधानसभा में सीट बदलने के मुद्दे पर सचिन पायलट ने कहा, ‘पहले मैं सरकार का हिस्सा था लेकिन अब मैं सरकार में नहीं हूं। यह महत्वपूर्ण नहीं है कि कोई कहां बैठता है, लेकिन लोगों के दिल और दिमाग में क्या है। जहां तक बैठने के पैटर्न पर विचार किया जाता है, यह स्पीकर और पार्टी की ओर से तय किया जाता है और मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।

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प्रदेश सरकार की ओर से संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने विश्वास प्रस्‍ताव को सदन में पेश किया। जिसके बाद इस प्रस्ताव पर विधानसभा में जमकर बहस हुई। दोनों पक्षों की ओर से बात रखे जाने के बाद गहलोत सरकार ने ध्वनि मत से विश्वास मत हासिल कर लिया। पायलट के मानने और पार्टी में वापसी के बाद गहलोत सरकार का पक्ष पहले से मजबूत नजर आ रहा था। ऐसा इसलिए भी क्योंकि नंबर गेम में सत्ताधारी खेमे में 122 विधायकों का आंकड़ा है।

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कुल विधायकों में 107 विधायक कांग्रेस के हैं। जिनमें बीएसपी के भी 6 विधायक शामिल हैं, जिन्होंने कांग्रेस में विलय किया था। इनके अलावा 5 सहयोगी पार्टियों से हैं और निर्दलीय विधायक भी सरकार के पक्ष में हैं। दूसरी ओर अगर बीजेपी की बात करें तो उनके पक्ष में कुल 75 विधायक हैं। इनमें 72 विधायक बीजेपी के हैं, इसके अलावा 3 विधायक सहयोगी आरएलपी के हैं।