कर्नाटक: साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण लग चुका है। यह पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होने बावजूद 5 घंटे तक रहेगा। भारत में सूर्य ग्रहण गुरुवार को सुबह करीब 8 बजे शुरू हुए इस ग्रहण का असर दोपहर डेढ़ बजे तक रहेगा। सूर्य ग्रहण होने के पीछे वैज्ञानिक आधार हैं तो वहीं, धार्मिक अवधारणाएं भी है। लेकिन कुछ जगहों में धार्मिक अवधारणां अंधविश्वास की पराकाष्ठाओं को पार कर चुकी है। इसको लेकर भारत सहित कई देशों में अंध विश्वास भी व्याप्त है।
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ऐसा ही एक मामला सामने आया है कर्नाटक से, जहां ऐसी मान्यता है कि सूर्य ग्रहण के दौरान दिव्यांग बच्चों को जमीन में गाड़ने से उनकी दिव्यांगता दूर हो जाती है। इसी मान्यता के चलते गुलबर्गा गांव के लोगों ने अपने बच्चों को सूर्य ग्रहण के दौरान जमीन में गाड़ दिया है।
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इन बच्चों की तस्वीरें सामने आई है। इन तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि बच्चों को जमीन में गाड़ दिया गया है। बच्चों का सिर्फ सिर ही जमीन के बाहर दिखाई दे रहा है। जबकि पूरा शरीर जमीन के भीतर है।
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नासा ने जारी की चेतावनी
नासा ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि भूलकर भी खुली आंख से सूर्य ग्रहण को न देखें। ऐसा करने पर आंख की रौशनी पर गहर प्रभाव पड़ सकता है। यह ग्रहण खूबसूरत होने के साथ-साथ खतरनाक भी होगा। यह सूर्य ग्रहण पूर्वी यूरोप, एशिया, भारत, उत्तरी पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, पूर्वी अफ्रीका और अरब देशों में दिखने की संभावना है।
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