हॉस्पिटल प्रशासन का अमानवीय चेहरा, हाथ टूटे नाबालिग को घसीट कर किया बाहर, जानिए पूरा माजरा | hospital mismanagement

हॉस्पिटल प्रशासन का अमानवीय चेहरा, हाथ टूटे नाबालिग को घसीट कर किया बाहर, जानिए पूरा माजरा

हॉस्पिटल प्रशासन का अमानवीय चेहरा, हाथ टूटे नाबालिग को घसीट कर किया बाहर, जानिए पूरा माजरा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:33 PM IST, Published Date : March 13, 2019/5:35 am IST

ग्वालियर। मध्यप्रदेश के शासकीय जयरोग्य अस्पताल ग्वालियर में अस्पताल प्रशासन का अमानवीय चेहरा सामने आया है। जहां ट्रॉमा सेंटर के सामने एक हाथकटे नाबालिग बच्चे को पाइप से पट्टी से बांध दिया गया।नाबालिग बच्चा हाथ कटे होने के कारण इलाज के लिए तड़प रहा था। वही बंधी गई पट्टियों को खोलकर वह बच्चा ट्रॉमा सेंटर के अंदर भागा तो वहां मौजूद डॉक्टरों ने गार्डों के द्वारा विक्षिप्त समझकर बच्चे को घसीटकर बाहर निकलवा दिया। जब इस खबर को आईबीसी 24 ने प्रमुख्ता से उठाया तो जयरोग्य के अधीक्षक ने बच्चे को इलाज के लिए भर्ती कराकर वहां मौजूद गार्ड को हटा दिया है। साथ ही एक कमेटी घटित कर तीन दिन के अंदर जांच कर कार्यवाही के आदेश दिए है।

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दअरसल जयरोग्य अस्पताल परिसर में करीब 13 साल का नाबालिग बच्चा सोमवार के दिन से अपना हाथ कटा हुआ लेकर परिसर में घूम रहा था। लेकिन मंगलवार की शाम यह बच्चा अस्पताल परिसर की पार्किंग में पाइप से बंधा हुआ नजर आया। जब आईबीसी 24 की टीम इस बात को संज्ञानता से लेते हुए बच्चे को आज़ाद कराने पहुंची तो आस -पास भीड़ इकट्ठी हो गई। लेकिन उसकी तकलीफ को कोई समझ नहीं रहा था। जैसे तैसे कर वह बच्चा बंधी हुई पट्टियों से आज़ाद हो कर हॉस्पिटल के ट्रॉमा सेंटर में दौड़ कर घुसने लगा तो वह अस्पताल के डॉक्टरो ने गार्डो को आदेश देकर बच्चे को घसीटकर बाहर निकलवा दिया।बच्चे को एक बार नहीं दो बार नहीं तीन बार तक बाहर घसीटकर बाहर निकाला गया। इसके साथ ही वहां मौजूद डाक्टरों का कहना था कि वह मानसिक रूप से विछिप्त है और वह इलाज के दौरान काटने को दौड़ रहा है। इसलिए उसका इलाज नहीं किया जा सकता है।

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जब इस अमानवीय घटना को देख लोगो ने इसका विरोध किया तो वह मौजूद कर्मचारियों ने बच्चे को अंदर आने दिया। लेकिन तब भी उसका इलाज नहीं हुआ। वही जब इस खबर को आईबीसी 24 ने प्रमुखता से उठाया तो अस्पताल के अधीक्षक डॉ.अशोक मिश्रा ने वह मौजूद गार्ड को हटाते हुए एक कमेटी गठित कर तीन दिन के अंदर जांच कर कार्रवाई करने का आदेश दिए हैं ।

 
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