भोपाल। मध्यप्रदेश में ई टेंडरिंग घोटाले को लेकर 5 अलग-अलग FIR दर्ज की गई हैं । राजधानी भोपाल में विभिन्न विबागों में हुए घोटले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई हैं । शिवराज सरकार में हुए ई टेंडरिंग घोटाले को लेकर ईओडब्ल्यू में एफआईआर दर्ज कराई गई है। जल संसाधन विभाग, जल निगम, पीडब्ल्यूडी, MPSRDC, पीएचई में ई टेंडरिंग घोटाले के खिलाफ तत्कालीन अधिकारियों और मंत्रियों के पर प्रथम सूचना दर्ज कराई गई है।
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ई-टेंडरिंग में बड़े पैमाने पर होने वाले घपले का खुलासा सबसे पहले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (पीएचई) में हुआ, जहां एक अधिकारी द्वारा पाया गया कि ई-प्रोक्योंरमेंट पोर्टल में टेम्परिंग करके हजार करोड़ रुपए मूल्य के तीन टेंडरों के रेट बदल दिए गए थे। इस पूरे खेल में ई-पोर्टल में टेंपरिंग से दरें संशोधित करके टेंडर प्रक्रिया में बाहर होने वाली कंपनियों को टेंडर दिलवा दिया जाता था। इस तरह से मनचाही कंपनियों को कॉन्ट्रैक्ट दिलवाने का काम बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से अंजाम दिया जाता था।
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इस खुलासे ने एक तरह से मध्यप्रदेश में ई-टेंडरिंग व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है और इसके बाद एक के बाद एक कई विभागों में ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम में हुए घपलों के मामले सामने आ रहे हैं। अभी तक अलग-अलग विभागों के 1500 करोड़ रुपए से ज्यादा के टेंडरों में गड़बड़ी सामने आ चुकी है, जिसमें मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीआरडीसी), लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जल निगम, महिला बाल विकास, लोक निर्माण, नगरीय विकास एवं आवास विभाग, नर्मदा घाटी विकास जल संसाधन सहित कई अन्य विभाग शामिल हैं। इस घोटालों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज के नजदीकी माने जाने वाले करीब आधा दर्जन आईएएस शक के दायरे में हैं।