छत्तीसगढ़ के लिए आगे बढ़ रहा टिड्डी दल ने भंडारा में डाला डेरा, 3 दल उत्तर प्रदेश की ओर रवाना | Locust team moving to Chhattisgarh encamped in Bhandara

छत्तीसगढ़ के लिए आगे बढ़ रहा टिड्डी दल ने भंडारा में डाला डेरा, 3 दल उत्तर प्रदेश की ओर रवाना

छत्तीसगढ़ के लिए आगे बढ़ रहा टिड्डी दल ने भंडारा में डाला डेरा, 3 दल उत्तर प्रदेश की ओर रवाना

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:21 PM IST, Published Date : May 30, 2020/8:41 am IST

कवर्धा, छत्तीसगढ़। राज्य के लिए राहत भरी खबर है। हवा की रूख उत्तर की ओर होने के कारण टिड्डियों का दल उत्तर प्रदेश की ओर आगे बढ़ रहा है। कुल 4 टिड्डी दल में से तीन उत्तर प्रदेश की ओर जा चुके हैं। चौथा दल अभी भी छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है। 

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लेकिन हवा की दिशा उत्तर की ओर चलने के कारण प्रदेश में इनके प्रवेश की संभावना कम है। टिड्डियों का चौथा दल अभी महाराष्ट्र के भंडारा जिले में डेरा डाल रखा है। कृषि विभाग लगातार इन पर नजर बनाए रखी है।

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टिड्डी दल को लेकर एडवायजरी 

किसानों को टिड्डी दल के बारे में जानकारी दी गई है। टिड्डी की पहचान किस तरह की जाए और इससे कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में बताया गया है। किसानों को चेताया गया है कि टिड्डी एक बार में फसल चट कर देता हैं।

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इसकी पहचान है कि ये चमकीले पीले रंग और लंबे होते हैं। फसल के उपर ये चादर के जैसे दिखाई पड़ते हैं। फसलों को इनसे शोर मचा कर और फ्लेम थ्रोवर से बचाया जा सकता है।

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प्रशासन ने फसलों को इनसे बचान के लिए छिड़कने वाली दवाओं के नाम भी जारी किए हैं। टिड्डियों का जीवनकाल 40 से 85 दिन का होता है। इनके अंडों को नष्ट करने गहरी जुताई करने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने कहा है कि टिड्डी दल की जानकारी और उपाय ही बचाव का विकल्प है।

 

 

 

 
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