कोई राज्य नागरिकता कानून को लागू करने से मना नही कर सकता, ये हैं नियम..देखिए | No state can refuse to enforce citizenship law, these are the rules .. See

कोई राज्य नागरिकता कानून को लागू करने से मना नही कर सकता, ये हैं नियम..देखिए

कोई राज्य नागरिकता कानून को लागू करने से मना नही कर सकता, ये हैं नियम..देखिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:36 PM IST, Published Date : December 14, 2019/8:19 am IST

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के एक उच्च अधिकारी ने कहा है कि राज्य सरकारों को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 को लागू करने से रोकने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने बताया कि इसे संविधान की 7वीं अनुसूचि के तहत सूचीबद्ध किया गया है, इसलिए राज्य सरकारों के पास इसे अस्वीकार करने का अधिकार नहीं है।

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गृहमंत्रालय के अधिकारी के अनुसार ‘केंद्रीय कानूनों की सूची में आने वाले किसी भी कानून को लागू करने से राज्य सरकार इनकार नहीं कर सकती हैं।’ उन्होंने बताया कि यूनियन सूची के 7वें शेड्यूल के तहत 97 चीजें आती हैं, जैसे रक्षा, बाहरी मामले, रेलवे, नागरिकता आदि।

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बता दें कि पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ ने इस कानून को असंवैधानिक बताया और अपने राज्यों में इसे लागू नहीं करने की बात कही है। केरल के सीएम पी विजयन ने कहा था कि एक असंवैधानिक कानून की हमारे प्रदेश में कोई जगह नहीं है। वहीं पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था, ‘आपके (बीजेपी) मैनिफेस्टो में विकास के मुद्दों की जगह आपने देश को बांटने का वादा किया है। नागरिकता मिलने का आधार धर्म क्यों होना चाहिए? मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगी।’

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वहीं पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस कानून को भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र पर चोट बताया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस कानून को उनके राज्य में लागू नहीं होने देगी। सीएम ने कहा कि विधानसभा में हमारे पास नंबर है और हम लोग इसे रोक लेंगे।

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छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि यह अधिनियम पूरी तरह से असंवैधानिक है। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी इस बिल को लेकर जो भी फैसला लेगी, राज्य सरकार भी उसी का पालन करेगी।’ मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने इस कानून पर जो भी स्टैंड लिया है, हम उसका पालन करेंगे।’

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